पीटीआर के बाघ का पश्चिम बंगाल के पुरुलिया इलाके में होने को लेकर सस्पेंस
पलामू टाईगर रिजर्व से बाघ के पश्चिम बंगाल के पुरुलिया पहुंचने की चर्चा से लोगों में सस्पेंस बना हुआ है। वन-विभाग ने जांच के लिए सबूत भेजे हैं, लेकिन पुष्टि का इंतज़ार जारी है। यदि जांच रिपोर्ट में बाघ...
बेतला,प्रतिनिधि। पलामू टाईगर रिजर्व से बाघ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया इलाके में पहुंचने को लेकर लोगों में सस्पेंस अबतक बरकरार है।यह कुछ अलग बात है कि गत दिनों झारखंड के गढ़वा,पीटीआर और जमशेदपुर इलाके के बाघों की चहलकदमी होने के आधार पर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व (मध्यप्रदेश) के बाघ को पीटीआर के रास्ते पश्चिम बंगाल के पुरुलिया इलाके में पहुंचने की बात कही जा रही है। वहीं इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। पर पुरुलिया इलाके में पहुंचा उक्त बाघ पीटीआर का ही है,वन-विभाग की ओर से अबतक किसी सक्षम अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है।इस संबंध में पीटीआर के क्षेत्र निदेशक कुमार आशुतोष ने उक्त बाघ का ट्रैप कमरे में कैद तस्वीर, संग्रहित पगमार्क और स्केट्स को जांच के लिए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून को भेजे जाने की बात बताई। वहीं निदेशक कुमार ने कहा कि जबतक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती,तबतक इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी कह पाना मुश्किल है। यहां बता दें कि बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के बाघों ने काफी लंबे अरसे के बाद विगत 2021-22 ई में छत्तीसगढ़-झारखंड कॉरिडोर को सक्रिय किया है। यदि देहरादून की जांच रिपोर्ट में पुरुलिया के बाघ को पीटीआर के होने की पुष्टि होती है तो निश्चित तौर पर वर्ष 2024-25 में बाघों के कॉरिडोर का विस्तार माना जाएगा। ऐसी दशा में पीटीआर को बाघों के कॉरिडोर का जंक्शन कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।वहीं क्षेत्र निदेशक कुमार आशुतोष ने देहरादून से बहुत जल्द जांच रिपोर्ट आने की संभावना जताते पीटीआर में फिलहाल एक बाघिन समेत कुल छः बाघों के होने की पुष्टि की।
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