पर्यटकों व सैलानियों को बुला रही नेतरहाट की हसीन वादियां
नेतरहाट की हसीन वादियां पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। 15 जनवरी 2025 तक यहां के होटल पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। मैग्नोलिया पॉइंट, जहां एक प्रेम कहानी हुई थी, पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध है। नेतरहाट की...
महुआडांड़,प्रतिनिधि। नेतरहाट की हसीन वादियां बर्बश पर्यटकों व सैलानियों को अपनी ओर आर्कषित कर रही हैं। इसी का परिणाम हैं कि 15 जनवरी 2025 तक नेतरहाट के लगभग सभी होटल व लॉज आग्रिम बुक कर लिये गये हैं। नेतरहाट को प्रकृति ने काफी फुर्सत से संवारा है। यहां से पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर दूरी पर मैग्नोलिया पॉइंट है। यानी सूर्य अस्त होने का मनोहरी दृश्य देखने का स्थान है। मैग्नोलिया नाम से एक जीवन प्रेम कथा जोड़ी है। बात उन दिनों की है जब यहां अंग्रेज शासन था। अंग्रेज गवर्नर नेचर हस यहां विश्राम और सैर सपाटे के ख्याल से आते थे। वह शिकार के शौकिन भी थे । जबकि उनकी पुत्री अपने पिता के विपरीत थी। उसे जंगली जानवर और वहां के लोग काफी पसंद थे। वह भी घोड़े पर सवार होकर जंगल घूमने जाती थी ।आने जाने के क्रम में उसकी मुलाकात एक चरवाहे से हुई जो बहुत ही अच्छा बांसुरी बजाता था। मैग्नोलिया बराबर चरवाहे के पास आती और उसके बांसुरी की लुभावनी सुरीली धून सुनती थी। बांसुरी की धुन से मैग्नोलिया को उसके करीब लाया और वह उसकी दीवानी हो गई और चरवाहे से प्यार कर बैठी फिर दोनों का प्यार परवाने चढ़ गया । बेटी की प्यार की भनक गवर्नर को लगी। उसने बेटी को नजरबंद कर दिया। प्रेम की दीवानगी में मैग्नोलिया ने खाना पीना छोड़ दिया। गवर्नर परेशान हो गए और चरवाहे की हत्या करवा दी। मैग्नोलिया घोड़े से रोज उस जगह जाती,जहां चरवाहे से मिलती थी। चरवाहे के प्यार में पागल मैग्नोलिया में प्रतिदिन सूर्यास्त का नजारा देखते और चरवाहे की याद में खो जाती थी। जब मैग्नोलिया को पता चला कि उसके प्रेमी की हत्या उसी के पिता ने करवा दी हैं तो मैग्नोलिया ने घोड़े के साथ सनसेट पॉइंट से 1000 फीट गहराई में कूद गए अपनी जीवन गाथा को समाप्त किया। प्रेम के बलिदान के कारण नेतरहाट के सनसेट पॉइंट का नाम मैग्नोलिया पॉइंट के नाम से जाना जाता है। नेतरहाट की हसीन वादियां नेतरहाट अपने सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए मशहूर है। जिसके मनोरम दृश्य को निहारने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। समुद्रतल से 3761 फीट की ऊंचाई पर बसे नेतरहाट की खूबसूरती बरसात के माह भादों मे देखतें ही बनती है। पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियों व खाईयों से यहां की सुंदरता की हरियाली का जवाब नहीं बारिश शुरू होने से पहले रुकने के बाद धुंध की गुबार मनमोहक लगता हैं। यहां की वादियां में चलने वाली बारिश की फुहार व ठंडी हवा मन के तार को बर्बश ही छेडऩे लगती है। नेतरहाट आवासीय विद्यालय, मैग्नोलिया प्वाइंट, नाशपाती बागान, अपर घघरी, आदि स्थानों की सुंदरता नेतरहाट की खुबसूरती में चार चांद लगाती हैं। पूर्व डीसी आराधना पटनायक ने नेतरहाट के मनोरम दृश्य में जान डाल दी है।
रांची ,लातेहार और पलामू से पहुंच सकते हैं नेतरहाट
नेतरहाट के लिए रांची से बस चलती है। यहां से इसकी दूरी लगभग 175 किलोमीटर पड़ती है । दूसरा रास्ता मेदनीनगर या लातेहार से भी है। इन दोनों स्थानों से भी यहां पहुंचा जा सकता है। मेदनीनगर से इसकी दूरी 160 और लातेहार से लगभग 100 किमी दूर हैं।
ईको विकास समिति और पुलिस सुरक्षा में रहते हैं तैनात
नेतरहाट की पहाड़ियों में सर्दियों में सूर्यास्त व सूर्योदय दूश्य काफी सुहावना होता है,जिसे देखने के लिए सुबह शाम पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। बताते चलें कि नेतरहाट को झारखंड की रानी भी कहा जाता है। यह एक हिल स्टेशन है। नेतरहाट अपनी मनमोहक खूबसूरती प्राकृतिक नजारा और स्वच्छ वातावरण के कारण पर्यटकों का मन मोह लेती है । चारों ओर सैलानियों व पर्यटकों के पिकनिक स्पोर्ट होने के कारण यह दोनों पर्यटक स्थल चर्चित हैं। नेतरहाट में दो जलप्रपात, लोउर घाघरी, और अपर घाघरी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। नेतरहाट में पर्यटकों का ठहराव के लिए पलामू डाक बंगला, होटल प्रभात, वन विभाग का गेस्ट हाउस, रवि शशि होटल सहित कई अन्य होटल मौजूद है ।
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