Hindi NewsJharkhand NewsKodarma NewsUnique Love for Cow A Man Treats His Calf Like a Child

बेजुबां गायों की मालिक व मालिक बीरू की गायों के प्रति है अनूठा प्रेम

कोडरमा के बीरेंद्र यादव ने अपनी बाछी 'परी' को छोटे बच्चे की तरह पाल रखा है। वह उसे बेड पर सुलाते हैं और ठंड से बचाने के लिए मखमली कंबल ओढ़ाते हैं। बाछी कभी भी बेड पर गोबर नहीं करती और सुबह बाथरूम में...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाTue, 7 Jan 2025 12:37 AM
share Share
Follow Us on

कोडरमा,सतीश कुमार । बेजुबां गाय को सनातन संस्कृति में पूजनीय माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक गौ माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं की वास है। गौ पालक अपने गाय से विशेष लगाव रखते और जताते हैं। लेकिन कोडरमा में एक गौ पालक का अपने गाय की बाछी के प्रति ऐसा अनूठा प्रेम शायद ही आपने पहले कहीं देखा होगा। यहां बाछी पालन पोषण छोटे बच्चे की तरह किया जा रहा है। बाछी करीब 50 हजार रू की मैट्रेस पर सुकून भरी नींद लेती है। झुमरीतिलैया शहर के ब्लॉक रोड़ निवासी बीरेंद्र यादव उर्फ बीरु के मुताबिक कुछ साल पहले उन्होंने एक 11 माह की बाछी को पालने घर लाया था,जिसे उन्होंने राधा नाम दिया था। कुछ माह बाद गाय ने बाछी को जन्म दिया,जिसका नाम उन्हें गौरी रखा था। अब गाय ने करीब माह भर पहले दूसरी बाछी को जन्म दिया है। इसका नाम उन्होंने परी रखा है। उन्होंने बताया कि कम समय में बाछी के साथ उनका ऐसा लगाव हो गया कि शाम में घर पहुंचने पर उनकी बुलेट बाइक की आवाज सुनते ही बाछी परी अपनी आवाज में उन्हें पुकारना शुरू कर देती है।

ठंड से बचाव के लिए ओढ़ाया जाता है मखमली कंबल

बेड पर कभी नहीं की गोबर

बीरु बताते हैं कि बाछी परी उनके साथ घर के दूसरे तल्ले पर सीढ़ियां चढ़कर पहुंचती है। यहां मुख्य दरवाजा के बाहर ही बाछी गोबर करने के बाद घर में इंटर करती है। इसके बाद अन्य दूसरे कमरों को छोड़कर बाछी परी सीधे उनके कमरे के बेड पर बैठ जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले 28 दिनों से बाछी परी उनके पलंग पर ही सो रही है। इस दौरान ठंड से बचाव के लिए उसे मखमली कंबल भी ओढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि इतने दिनों में आज तक बाछी ने बेड पर कभी गोबर या पेशाब नहीं किया। रोजाना सुबह करीब चार बजे बाछी बेड से उतरकर बाथरूम के पास जाकर पेशाब करती है। उन्होंने बताया कि वह भी परी बाछी की छोटे बच्चे की तरह देखभाल करते हैं। उनके घर में गाय,बाछी को बतौर परिवारिक सदस्य देखभाल होती है।

गाय पालने में दिक्कत तो गौशाला में गाय का अभिभावक बन करें सेवा

बीरू बताते हैं कि हमारी धर्म संस्कृति में शुरुआत से ही गौ पालन का विशेष महत्व है। लेकिन बढ़ती आबादी में जगह की कमी होने पर कई लोग गौ पालन छोड़ दिया है। ऐसे में उन्हें जिले में संचालित श्री कोडरमा गौशाला से जुड़कर गौसेवा करने का पुण्य कमाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि आप घर में गौ पालन नहीं कर सकते हैं, तो गौशाला में पलने वाली गाय का अभिभावक बनकर उनकी सेवा कर सकते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें