जिले में कुत्तों ने दो माह में सैकड़ों लोगों को बनाया अपना शिकार
जिले में अवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशान शहरी क्षेत्रों हैं, जहां इसकी संख्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। ह
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झुमरी तिलैया, निज प्रतिनिधि । जिले में अवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी शहरी क्षेत्रों में हैं, जहां इसकी संख्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। हर चौक-चौराहे पर ऐसे आवारा कुत्तों के झुंड का जमावड़ा देखने को आसानी से मिल जाता है। यह कुत्ते रात में राहगीरों पर हमला करते हैं और दिन में मवेशी और पालतू पशु-पक्षियों को निशाना बनाते हैं। अचानक दौड़ पड़ने से कई हादसे भी हो रहे हैं। पिछले दो माह में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया। शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों के कारण अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। साथ ही कई बार यह बाइक दुर्घटना का कारण भी बनी है। इन कुत्तों की सबसे ज्यादा जमावड़ा सड़क किनारे लगने वाले मटन, चिकेन दुकानों के आसपास देखने को मिलता है। इन मटन-चिकेन दुकानों द्वारा नियमों का पालन न कर जैसे-तैसे दुकानों का संचालन किया जा रहा है। किसी दुकान में शीशे लगे नहीं मिलते हैं और खुले में मटन, चिकेन के अवशिष्ट फेंक देने से वहां पर कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे वे अक्सर हिंसक बन जाते हैं। ये कुत्ते अक्सर छोटे बच्चों व पालतू पशु-पक्षी को निशाना बनाते हैं। हाल हीं में करीब एक माह पूर्व देवी मंडप में ट्यूशन जाने के दौरान तीन बच्चों को कुत्तों ने काट लिया था। वहीं 20 दिन पूर्व इसी रात में कुत्तों का झुंड ने एक बकरी के बच्चे पर हमला मार दिया था। वहीं चंदवारा में कई माह पूर्व कुत्तों के हमले से करीब 11 लोग घायल हो गये थे।
कुत्तों से निजात दिलाने में प्रशासन ने नहीं किए उपाय : जिला प्रशासन व नगर परिषद आवारा कुत्तों से निजात दिलाने अब तक कोई उपाय नहीं किये हैं, जिसके कारण हमेशा ऐसी घटना जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सामने आती रहती है। शहर में अभी तक एक भी डॉग कैच वाहन नहीं है और न हीं इसकी प्रजनन दर रोकने के लिए कोई वैक्सिनेशन किया जाता है। इस संबंध में नगर परिषद झुमरी तिलैया के प्रशासक अंकित गुप्ता ने बताया कि अभी फिलहाल शहर में डॉग कैच वाहन नहीं है, इसके लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा। कुत्तों के प्रज्जनन दर रोकने को लेकर वैक्सिनेशन का कार्य शुरू किया जायेगा।
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