बरकतों व रहमतों का पवित्र माह रमजान शुरू
रमजान का पवित्र महीना रविवार से शुरू हो गया है। मुस्लिम समुदाय ने पहला रोजा रखा, जिसमें सभी ने सेहरी की। मस्जिदों में फज्र की नमाज अदा की गई और तरावीह की नमाज भी शुरू हुई। इमाम मो. जसिमुद्दीन ने रमजान...

मरकच्चो निज प्रतिनिधि। बरकतों व रहमतों का पवित्र माह रमजान रविवार से शुरू हो गया। रमजान के पहले दिन मुस्लिम समाज के लोगों ने पहला रोजा रखा। अब एक माह तक रोजे जारी रहेंगे। रमजान के पहले दिन अलसुबह छोटे-बड़े सभी ने सेहरी कर पहला रोजा रखा। कई बच्चों ने भी रोजा रखा। सेहरी के बाद मस्जिदों में फज्र की नमाज अदा की गई। इसके पूर्व रमजान का महीना शुरू होने के साथ ही इबादत का दौर भी शुरू हो गया है। वहीं इसके पूर्व शनिवार रात से ही तरावीह की नमाज भी शुरू हो गयी है। बच्चे बड़े सभी तरावीह की नमाज में शामिल हुए। जामा मस्जिद के इमाम मो.जसिमुद्दीन ने कहा कि रमजान की इबादत दस-दस दिनों के तीन अशरों में बांटी गई है। पहला रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से निजात का अशरा होता है। इस महीने में की गई नेकियों का अजर बढ़ा दिया जाता है और अल्लाह एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब देता है। रमजान महीने की पाकीजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अल्लाह इस महीने में शैतानों को जंजीरों में जकड़ कर जहन्नम के दरवाजे बंद कर देता है। और जन्नत के दरवाजे नेक बंदों के लिए खोल देता है। उन्होंने कहा कि रमजान के रोजों की इतनी फजीलत है कि अगर कोई मुसलमान रमजान का एक रोजा जानबूझकर छोड़ दे तो पूरी उम्र रोजा रखकर भी उसके अजर के बराबर नहीं पहुंच सकता है।
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