कल से हर-हर महादेव से गूंजेगा ध्वजाधारीधाम
किंवदंती के अनुसार त्रेता युग में ध्वजाधारी पहाड़ पर सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के पुत्र कर्दम ऋषि ने ध्वजाधारी पहाड़ पर तपस्या की थी। इसी वजह से इस जग
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कोडरमा, संवाददाता । कोडरमा के ऐतिहासिक ध्वजाधारीधाम में 26 और 27 फरवरी को दो दिनी महाशिवरात्रि मेला लगेगा। इसके लिए तैयारी जोरों पर है। हजारों भक्त अपनी मुरादें पूरी करने भगवान भोले पर जलाभिषेक करेंगे। मेला को लेकर छोटी-बड़ी दुकानें सजने लगी है। बच्चों को लुभाने के लिए झूले भी लगाए जा रहे हैं। ध्वजाधारी धाम के महंत महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज ने बताया कि 26 फरवरी को मेला का उद्घाटन और शाम छह बजे से अखंड हरि कीर्तन शुरू होगा,जो 27 फरवरी तक चलेगा। भंडारे के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा। पहले दिन रात नौ से जागरण कार्यक्रम भी आयोजन किया जाएगा। इसके बाद प्रसाद का वितरण होगा।
उन्होंने ध्वजाधारी धाम की महता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां कद्रम ऋषि द्वारा तपस्या से खुश होकर बाबा भोले ने दर्शन दी थी। उनकी पत्नी का नाम देवभूति था और उनसे नौ कन्याएं और एक पुत्र कपिलमुनि पैदा हुए। यहां भक्तों का मनोकामनाएं पूरी होने पर ध्वजा, नारियल, त्रिशुल चढ़ाने की मान्यता है। विशेष महत्व शादी की है। इसके अलावा कई संस्कार किए जाते हैं।
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