राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कुष्ठ जागरुकता पखवाड़ा शुरू
30 जनवरी से 14 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ रोग खोज द्वितीय चरण व स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान: डॉ रमण
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कोडरमा, संवाददाता। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत प्रतिवर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर गुरूवार को सिविल सर्जन सभागार में कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा शुरू की गयी। जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ रमण कुमार और उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार ने गांधी जी के चित्र पर पुष्पार्पित की। जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने कहा कि 30 जनवरी से 14 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ रोग खोज अभियान द्वितीय चरण और स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार ने कहा कि पूरे जिले में इस जागरूकता अभियान के तहत सभी ग्रामों,आंगनबाड़ी केंद्रों,स्कूलों में कुष्ठ मरीजों से भेदभाव नहीं करने की शपथ दिलाया जाएगा। अन्य जागरूकता संबंधी गतिविधि आयोजन किया जाएगा। इसके बाद जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ रमण ने कुष्ठ के लक्षण,इलाज,रोकथाम के बारे में कहा कि जिले में अभी प्रत्येक 10 हजार आबादी में एक से कम मरीज की संख्या है। मतलब कोडरमा जिले का प्रिवेलेंस रेट एक से कम है। उन्होंने कहा कि इस बार का थीम एक साथ ,आइए हम जागरूकता बढ़ाएं,गलत धारणाओं को दूर करें और सुनिश्चित करें कि कुष्ठ रोग से प्रभावित कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे है। मौके पर डॉ अभिषेक कुमार,डॉ भारती सिन्हा,डॉ सुनील यादव,डॉ नीरज, रूपेश कुमार,प्रमोद कुमार,सुनील कुमार,पवन कुमार,सिद्धांत ओहदार,गणेश कुमार,कुणाल कुमार,अजीत कुमार,अरुण कुमार सिंह, दीपेश कुमार समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
डॉ रमण कुमार ने डीसी मंघा भारद्वाज का संदेश पढ़ा। संदेश में कहा है कि हम कोडरमा के लोग और जिला प्रशासन विकसित भारत अभियान पर यह घोषणा करते हैं कि हम अपने जिले को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुष्ठ रोग का निदान आसान है और इसका इलाज संभव है। हम सभी कुष्ठ रोगियों को शीघ्र खोजने के लिए सभी प्रयास करेंगे और जिले में उपलब्ध सभी संभावित संसाधनों का उपयोग करेंगे। साथ ही हम कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे और दूसरों को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे। हम व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करेंगे और उन्हें मुख्य धारा में लाने में योगदान देंगे। हम सभी एक साथ,आइए हम जागरूकता बढ़ाएं,गलत धारणाओं को दूर करें और सुनिश्चित करें कि कुष्ठ रोग से प्रभावित कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे।
जिले में 120 मरीजों के कुष्ठ का इलाज: राजीव
फिजियोथैरेपिस्ट राजीव रंजन ने बताया कि इस बार 15 दिनों तक जागरूकता और कुष्ठ रोग खोज अभियान साथ साथ चलेगा। अभी जिले में 120 मरीज का कुष्ठ का इलाज चल रहा है। प्रथम चरण के दौरान कुल 71 मरीज मिले थे। इस बार जिले के कुल 250 गांवों के 54 हजार 694 घरों में सर्वे किया आएगा। ये ऐसे गांव हैं, जहां से पिछले पांच से सात वर्ष से कुष्ठ के मरीज मिले हैं। सर्वे के लिए कुल 274 टीम बनाया गया है। टीम की मदद के लिए कुल 68 सुपरवाइजर बनाया गया है। टीम में एक सहिया,एक पुरुष हैं, जिसमें महिलाओं की जांच सहिया करेगी और पुरुष की जांच पुरुष सर्वे कार्यकर्ता करेंगे। टीम को प्रशिक्षण दिया गया है कि इस तरह के लक्षण किसी में पाया जाता है, तो उसकी संभावित संदेहास्पद की सूची में रखें।
कुष्ठ के संभावित लक्षण
ऐसे व्यक्तियों को संदेहास्पद की सूची में रखना है, जिनमें निम्न लक्षणों में से कोई भी हो। इनमें त्वचा में किसी भी प्रकार का दाग,शरीर के किसी भी हिस्से में सूनापन,बिना दर्द के हाथ या पैरों में घाव,हाथ या पैर में बहुत दिनों का घाव जो बार- बार हो जाता है,हाथ-पैर में अंगुलियों का मूड जाना, अंगुलियों का छोटा हो जाना,हाथ या पैर में झनझनाहट,एल्बो में दर्द,आई ब्रो का झड़ जाना,आंख खुला रहना,नाक का बैठ जाना,चेहरे पर तैलीय त्वचा रहना,कान कुतरा हुआ या कटा हुआ दिखना,पैर घसीट कर चलना है। कुष्ठ जागरूकता अभियान प्रचार वाहन को जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ रमण कुमार,डॉ रंजीत कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रचार वाहन 15 दिनों तक जिला के सभी प्रखंडों में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का प्रचार-प्रसार करेगा।
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