पंचखेरो जलाशय निर्माण के बाद भी किसानों को पटवन सुविधा पूर्ण रूप से नहीं मिल पायी, नहर में लीकेज से डैम से सालोंभर पानी बह कर होता है बर्बाद
पंचखेरो जलाशय का निर्माण 2013-14 में पूरा हुआ, लेकिन किसानों को इससे पटवन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। नहरों में रिसाव के कारण पानी बर्बाद हो रहा है, जिससे 200 एकड़ भूमि दलदल बन गई है। किसान समस्या...
मरकच्चो, निज प्रतिनिधि। प्रखंड के पंचखेरो जलाशय का 2013-14 में निर्माण पूरा हो गया। पंचखेरो जलाशय निर्माण के बाद भी किसानों को इससे पटवन की सुविधा पूर्ण रूप से नहीं मिल पायी। डैम से निकली दोनों नहर में लीकेज होने के कारण डैम से सालों भर पानी बह कर बर्बाद होता रहता है, जिससे सैकड़ों एकड़ खेत में दलदल बने रहने से उन पर खेती नहीं हो पाती है। नहर की अंतिम निकासी को बीचोंबीच खेती योग्य भूमि में ले जाकर छोड़ दिया गया हैं, जिससे नहर के अंतिम छोर पर जितने भी कृषि योग्य खेत हैं। उसमें पानी जमा हो जाता है, जिससे उन भूमि पर खेती नहीं हो पाती। इस लीकेज के कारण लगभग 200 एकड़ भूमि दलदल बन चुकी है। इससे किसान परेशान हैं। हालांकि नहर के अंतिम छोर से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर एक नाला है, अगर उस नाले में नहर को मिला दिया जाए तो इस समस्या से निजात मिल सकती है। वहीं विभाग का दावा है कि दोनों नहरों से 500 हेक्टेयर में खेती के लिए पानी दिया जा रहा है। नव निर्मित डैम में सफाई नहीं की गयी है क्योंकि रिवर क्लोज में ज्यादा दिन नहीं होने से डैम में गंदगी जैसी बात नहीं है। डैम के नहरों में मिट्टी भर जाने और लीकेज रहने से किसान खेती के लिए डैम के पानी का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। डैम के नहरों की गंदगी साफ कराने, डैम के लीकेज को ठीक कराने समेत अन्य कार्यो के लिए 175 करोड़ राशि की स्वीकृति मिली है।
क्या कहते हैं कृषक
कृषक विवेक तमोली ने बताया कि पंचखेरो जलाशय के दाएं नहर के आउटलेट गेट में हो रहे रिसाव से नहर में सालों भर पानी बहता रहता है, जिससे नहर के दोनों किनारों से पानी का रिसाव होता रहता है। पानी के रिसाव से लगभग तीन सौ एकड़ भूमि परती रह जाती है और इस भूमि में खेती नहीं हो पाती है। पिछले दस वर्षों से किसान इस देश को झेल रहे हैं।
वहीं कृषक केदार सिंह ने बताया कि पानी के रिसाव से उनके खेत दलदल जैसा हो गया है, जिससे वे लोग वहां खेती नहीं कर पा रहे है। इस क्षेत्र में ऐसे दर्जनों किसान है जिनके खेतों का यही हाल है पर इस ओर सुध लेने वाला कोई नहीं है।
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