Budget Allocation and Withdrawals in District Treasury on Financial Year End वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तीन बजे शाम तक हुआ बिल पारित, Kodarma Hindi News - Hindustan
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वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तीन बजे शाम तक हुआ बिल पारित

कोषागार में वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन भीड़भाड़ नहीं थी। आनलाइन व्यवस्था के कारण राशि निकासी और सरेंडर सामान्य तरीके से हुआ। 185 विपत्र के खिलाफ 18.91 करोड़ रुपए की निकासी हुई। पथ निर्माण विभाग ने 10...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाSun, 30 March 2025 01:40 AM
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वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तीन बजे शाम तक हुआ बिल पारित

कोडरमा,हिंन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के कोषागार में इस वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ज्यादा भीड़भाड नहीं दिखी। आनलाइन व्यवस्था में अब वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन कोषागार में आपाधापी की स्थिति नहीं रहती है। 15 मार्च के बाद से ही राशि निकासी व सरेंडर का सिलसिला शुरू हो जाता है। हालांकि इस बार 30 और 31 मार्च को अवकाश रहने के कारण शनिवार को ही सभी विभागों द्वारा अंतिम रूप से राशि निकासी और सरेंडर किया गया। कोषागार में शनिवार को सामान्य दिन की तरह काम-काज होते रहा। अंतिम दिन 185 विपत्र के विरूद्ध् 18.91 करोड़ रू की निकासी हुई। पूरे मार्च माह में विभिन्न विभागों के 2010 बिल के विरूद्ध 206.44 करोड़ रू की निकासी की गई। इसमें विकास, कल्याणकारी कार्य, कार्यालय व्यय, वेतन एवं अन्य मद शामिल है।वित्त विभाग ने राशि निकासी को लेकर कई शर्तें लगाई थी। यहां तक कि अंतिम दिन तीन बजे तक ही बिल पारित करने की डेडलाइन तय थी। इधर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए मिली राशि में 15 प्रतिशत निकासी की शर्त से राहत मिलने से निकासी संभव हो गई।

पथ निर्माण विभाग ने किया 10 करोड राशि सरेंडर

ग्रामीण कार्य विभाग को मिला मार्च माह में कई विभागों ने करोड़ों की राशि की निकासी की तो कई विभाग में राशि का सरेंडरभी किया। पथ निर्माण विभाग ने 15 प्रतिशत की राशि निकासी की बाध्यता के कारण 10 करोड रुपए सरेंडर किया है जबकि चार करोड रुपए के निकासी की गई। ग्रामीण कार्य विभाग को रोड निर्माण कार्य में मिली राशि में सात करोड़ की निकासी की गई। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल को मिली राशि में एक करोड़ की निकासी की ई, जबकि 5 करोड़ रूपया सरेंडर किया गया। कल्याण विभाग में वेतन मद में पांच लाख रू की आवश्यकता थी। लेकिन एक करोड़ रू दिया गया। लिहाजा 95 लाख रू सरेंडर करना पड़ा। पीएचईडी को वेतन मद और सहिया को मोबाइल क्रय के लिए अतिरिक्त राशि मिली थी, जिसे वापस किया गया। परिवहन विभाग द्वारा भी 38 लाख रू ग्राम गाड़ी योजना और वेतन मद का सरेंडर किया गया।

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