झारखंड में बिना सीएम फेस चुनाव लड़ना पड़ा भारी, भाजपा की हार की 5 बड़ी वजहें
Jharkhand Election Results: झारखंड चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है। इस रिपोर्ट में उन फैक्टर्स का जिक्र जहां चूक कर गई भाजपा...
Jharkhand Election Result 2024: भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने झारखंड चुनाव को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पार्टी के कार्यकर्ता भी हैरत में हैं। सवाल यह कि आखिरकार भाजपा से चूक कहां हो गई। खुद प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं ने आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया। भाजपा नेताओं ने करीब 200 रैलियों को संबोधित किया। इनमें से करीब दो दर्जन जनसभाएं अमित शाह और पीएम मोदी ने कीं। फिर भी एनडीए को कामयाबी नहीं मिली। इस रिपोर्ट में उन फैक्टर्स का जिक्र जहां चूक कर गई भाजपा...
बिना सीएम उम्मीदवार के लड़ाई
एनडीए ने कोई सीएम उम्मीदवार पेश नहीं किया। राज्य भाजपा के एक सूत्र ने दावा किया कि चुनाव में आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा पेश नहीं कर पाने से भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ी। वहीं जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन की ओर से खुद हेमंत सोरेन सीएम चेहरा थे।
दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट
एक अन्य नेता ने दावा किया कि अभियान बाहर से आए दो नेताओं की ओर से चलाया जा रहा था। राज्य भाजपा ने अपने नेताओं की अनदेखी की और दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट दिए।
जमीनी मुद्दों को उठाने में विफल रही भाजपा
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. बागीश चंद्र वर्मा का कहना है कि भाजपा अपने पूरे चुनावी अभियान के दौरान जनता से जुड़े जमीनी मुद्दों को उठाने में विफल रही। इससे ग्रामीण जनता भाजपा से जुड़ने में विफल रही। भाजपा का चुनावी कैंपेन केवल राष्ट्रीय मुद्दों और घुसपैठ पर फोकस था।
जेएलकेएम ने पहुंचाया नुकसान
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने भी चंदनकियारी सीट की तरह भाजपा और आजसू पार्टी को नुकसान पहुंचाते हुए मतों का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया। आलम यह कि चंदनकियारी विधानसभा सीट पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी न केवल झामुमो के उमाकांत रजक से हार गए। भाजपा के सहयोगी आजसू ने 10 और जदयू ने दो और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक सीट पर चुनाव लड़ा।
महिलाओं वोटरों पर जेएमएम का फोकस
रांची विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. बागीश चंद्र वर्मा ने कहा कि मुस्लिम, ईसाई और आदिवासी झामुमो के पारंपरिक वोट बैंक थे। इसके अलावा 18-50 साल की उम्र वर्ग की महिलाओं को जेएमएम ने अपने पाले में किया। इसमें मैया सम्मान योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेएमएम ने योजना के तहत 18-50 वर्ष की महिलाओं को मौजूदा सहायता राशि 1000 रुपये के बजाय 2,500 रुपये प्रति माह करने का वादा किया था। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 68 पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।