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देवघर में चुनाव अधिकारी गिरफ्तार, प्रत्याशी को समर्थन करने का आरोप; क्या बोली BJP

  • झारखंड में दूसरे चरण के मतदान के दौरान विवाद सामने आया है। देवघर जिले की मधुपुर विधानसभा सीट पर गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद एक चुनाव अधिकारी को हटाया गया है।

Mohammad Azam पीटीआई, देवघरWed, 20 Nov 2024 03:59 PM
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झारखंड में आज दूसरे चरण का मतदान जारी है। इस दौरान प्रदेश की मधुपुर विधानसभा सीट पर विवाद सामने आया है। यहां देवघर के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त, विशाल सागर के निर्देश पर 13- मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या– 111 के पीठासीन अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है।उनकी जगह नए अधिकारी की तैनाती की गई है। मिली जानकारी के अनुसार वेब-कास्टिंग रूम में स्थिति की निगरानी के दौरन पाया गया कि पीठासीन अधिकारी वोटिंग कंपार्टमेंट के नजदीक पाए गए, जो निर्वाचन आयोग के नियमों के विरुद्ध और कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही दर्शाता है। ऐसे में संबंधित निर्वाचन पदाधिकारी को आवश्यक जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि मधुपुर विधानसभा के बूथ नंबर–111 में झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी हफीजुल हसन के पक्ष में मतदान करा रहे पीठासीन पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर– 111 और 112 में मतदान की गड़बड़ी को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया और पीठासीन पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई। बूथ पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे, आयोग ने उसके फुटेज की जांच की और उसके बाद कार्रवाई की। उन्होंने दावा किया कि पीठासीन पदाधिकारी को हटाया नहीं गया है, बल्कि गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में सांसद डॉ. दुबे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर भी गिरफ्तारी को लेकर पोस्ट किया है। हालांकि जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह देवघर उपयुक्त विशाल सागर की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या– 111 के पीठासीन अधिकारी को रिप्लेस किया गया है। बताया है कि वेब-कास्टिंग रूम में स्थिति की निगरानी के दौरन पाया गया कि पीठासीन अधिकारी वोटिंग कंपार्टमेंट के नजदीक पाए गए, जो निर्वाचन आयोग के नियमों के विरुद्ध और कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही दर्शाता हैं। ऐसे में संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को आवश्यक जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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