झारखंड हाईकोर्ट ने सीजीएल-2023 पेपर लीक मामले में CBI जांच वाली याचिका की खारिज, ये दी दलील
अदालत ने कहा कि इस मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में इस याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। यदि प्रार्थी चाहे तो लंबित याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका दायर कर सकता है।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल-2023) के प्रश्नपत्र लीक होने की सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिका मंगलवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि याचिका के प्रार्थी अधिवक्ता हैं। इस कारण इस परीक्षा से उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि याचिका किसी दूसरे मकसद से फाइल की गयी है।
कोर्ट, याचिका की सुनवाई का कोई औचित्य नहीं
अदालत ने कहा कि इस मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में इस याचिका पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। यदि प्रार्थी चाहे तो लंबित याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका दायर कर सकता है। बता दें कि झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 की लिखित परीक्षा 28 जनवरी 2024 को हुई थी। बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल भी हुए थे।
छात्रों ने लगाया था प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप
इसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी थी। इसके बाद सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 2,025 पदों को भरने के लिए आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में 650,000 से अधिक आवेदक शामिल हुए थे। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि याचिका किसी दूसरे मकसद से फाइल की गई है। इस तरह सुनवाई ना होने से कई छात्र निराश हैं।
छात्रों में फैली निराशा
पेपर लीक होने के बाद से छात्रों में गहरा असंतोष व्याप्त है। पेपर की तैयारी करने वाले छात्रों ने कहा कि इस तरह से हम कहीं के नहीं रहेंगे, क्योंकि हमारी उम्र भी निकल रही है और हम फिर पेपर देने के योग्य नहीं रहेंगे। इसलिए इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए और योग्य लोगों को नौकरी मिले। तैयारी करने वाले छात्रों ने उम्मीद लगाई है कि जल्द ही इस मसले का हल निकलेगा और आगे से कोई भी पेपर लीक नहीं होगा।