ईडी अफसरों के नाम पर वसूली मामले में राज्य सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं पलटा हाई कोर्ट का आदेश
- राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। ईडी अफसरों के नाम पर वसूली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर रोक व फुटेज सुरक्षित रखने कहा था। इस आदेश पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।
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जमीन घोटाला केस मैनेज करने के लिए ईडी अधिकारियों के नाम पर वसूली मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार की अपील पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने झारखंड सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
राज्य सरकार ने चार दिसंबर 2024 के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने ईडी अधिकारियों को राहत देते हुए पंडरा ओपी सहित कई थानों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने ईडी को मैनेज करने के नाम पर छह करोड़ रुपये के लेनदेन मामले में दर्ज प्राथमिकी की पुलिस जांच पर पूर्व की रोक को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने पंडरा ओपी और सुखदेव नगर पुलिस थाना सहित अन्य जगहों के सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
इस संबंध में हाई कोर्ट में ईडी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि मामले में पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है। पुलिस ईडी अधिकारियों को इस मामले में गलत तरीके से फंसाने की साजिश कर रही है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहे हैं। सबूतों से छेड़छाड़ कर और फर्जी साक्ष्य तैयार कर ईडी अधिकारियों को फंसाने और धमकाने की साजिश रच रहे हैं।
ईडी ने चार से 17 अक्तूबर की अवधि तक के पंडरा ओपी, सुखदेव नगर थाना, जगन्नाथपुर, नामकुम, मोरहाबादी टीओपी, अनगड़ा और देवघर थाना के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का आग्रह किया है। इस दौरान आरोपी सुजीत कुमार और संजीव कुमार पांडेय को अवैध हिरासत के दौरान अलग-अलग स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था।