गुलाबी ठंड से मौसमी बीमारी का प्रकोप बढा
जामताड़ा में मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, जिससे ठंढ का एहसास बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप, बुखार, खांसी और जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। डॉक्टरों का मानना है कि विशेष...
जामताड़ा। नवंबर महिने में मौसम में तेजी से परिवर्तन होने लगा है। लोग सुबह तथा शाम में गुलाबी ठंढ का एहसास करने लगे है। सुबह आसमान में कोहरा भी देखा जा रहा है और दिन में मौसम गर्म होने से मौसमी बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। चार दिनों से शाम होते ही मौसम ठंड हो जा रही है। अचानक ठंड बढ़ने से लोगो मे मौसमी बीमारी का संक्रमण बढ़ा गया है। मौसम मे परिवर्तन होने से बड़े, बच्चे और बुजुर्गों में बुखार, खांसी एवं जुकाम का प्रकोप बढ़ गई है। घरों में एक दो लोग उक्त रोग से पीड़ित है। ऐसे में चिकित्सक भी यह मानते हैं कि मौसम चेंज होने पर लोगो को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सबसे पहले साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना है। सभी को गर्म पानी का प्रयोग करना आवश्यक है। तीन से चार बार काढ़ा का प्रयोग करना है। रात में सोते वक्त पंखा, कूलर, एसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही चिकित्सक से परामर्श से आवश्यक दवाई ले। सुबह दोपहर और शाम में ताजा एवं सादा खान ले।
बच्चे तथा बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरतः मौसम में हो रहे बदलाव से बच्चे तथा बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ निलेश कुमार ने बताया कि मौसम चेंज होने पर सबसे ज्यादा ख्याल नवजात शिशुओं का रखना चाहिए। क्योकि बच्चों पर मौसम परिवर्तन का असर ज्यादा होता है। इसलिए बच्चे को गर्म पानी दें। हल्की ठंड में ही उसे बर्मकपड़ा पहनाकर रखें। ताकि उसे ठंढ का असर नहीं हो। इसके अलावे साइनस, दम्मा के मरीज को भी मौसम परिवर्तन में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अन्यथा उनकी बिमारी बढ़ सकती है। सदर असपताल के आकड़ों पर नजर डालें तो सदर अस्पताल में मौसमी बिमारी के मरीज ओपीडी में ज्यादा आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रत्येक दिन तीस प्रतिशत से ज्यादा मरीज बुखार, खांसी एवं जुकाम के आ रहे हैं। यही स्थिति प्राइवेट अस्पताल में भी है।
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