Hindi NewsJharkhand NewsJamtara NewsContaminated Water Crisis in Karjori Villagers Depend on Polluted Sources for Drinking Water

हमें पीने का पानी चाहिए:डोभा का दुषित पानी पीने को विवश है करजोरी रायटोला के ग्रामीण

फतेहपुर,प्रतिनिधि। साल 2022-23 में जल जीवन मिशन के तहत प्रखंड क्षेत्र के करजोरी गांव के रायटोला में 8000 लीटर क्षमता वाली जलमीनार बनकर तैयार हो गया। ल

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाFri, 9 May 2025 01:37 AM
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हमें पीने का पानी चाहिए:डोभा का दुषित पानी पीने को विवश है करजोरी रायटोला के ग्रामीण

हमें पीने का पानी चाहिए:डोभा का दुषित पानी पीने को विवश है करजोरी रायटोला के ग्रामीण फतेहपुर,प्रतिनिधि। साल 2022-23 में जल जीवन मिशन के तहत प्रखंड क्षेत्र के करजोरी गांव के रायटोला में 8000 लीटर क्षमता वाली जलमीनार बनकर तैयार हो गया। लेकिन दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी संवेदक ने गांव में जैसे-तैसे पानी कनेक्शन के लिए पाइपलाइन बिछाया है। यह गांव दो टोला में बंटा हुआ है। जहां गांव के एक छोर में पाइप बिछी है। वहीं दूसरी छोर में पाइप नहीं बिछाया गया है। ग्रामीणों की मानें तों जलमीनार से करजोरी गांव के रायटोला में महज दो घरों को पानी पहुंच रहा है।

वहीं दूसरी ओर लगभग 15 घरों को जलमीनार से पानी का एक बूंद भी नसीब नहीं हो पा रहा है। उक्त गांव में तीन चापाकल है, जो लगातार खराब होते रहते हैं। इस कारण गांव की महिलाएं सुबह होते ही पीने के पानी के जुगाड़ के लिए खेत में बने डोभा पहुंच जाती है। जहां डोभा से गंदा पानी की ढुलाई कर लाती है। डोभा के गंदा पानी से ही प्यास बुझानी पड़ती है। क्या कहते हैं ग्रामीण - ग्रामीण श्यामलाल राय, सोनामुखी हेंब्रम ,किसना हांसदा, मनोज कुमार हेम्ब्रम व बाहामुनी पावरिया ने बताया कि जल टंकी से महज दो घरों को ही लाभ मिल रहा है। प्रेशर नहीं होने के कारण पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है। कहा कि पानी के कनेक्शन के लिए जो सामग्री लगाया गया था,उसकी गुणवत्ता सही नहीं थी। जिस कारण सामग्री लगने के साथ टूटकर खत्म भी हो चुका है। बताया कि पूर्व में कनेक्शन के नाम पर भी मिस्री द्वारा अवैध उगाही की गई थी। कहा कि फिलहाल चापाकल ठीक कराने के बाद भी लगातार चापाकल खराब हो जा रहे हैं। मिस्त्री को हम लोग बुलाते हैं, खर्चा भी करते हैं। लेकिन कुछ ही दिन में चापाकल पुन: खराब हो जाता है। बताया कि फिलहाल तो टोले की महिलाएं डोभा नदी और जोरिया का पानी पेयजल के लिए लाने को मजबूर है। क्या कहते हैं जेई- अभी यह मामला संज्ञान में नहीं आया है। यदि इस तरह का मामला है, तो इसकी जांच की जाएगी। साथ ही जो भी असुविधा है, उसे दुरुस्त करा दिया जाएगा। शेखर सुमन,जेई पेयजल एवं स्वच्छता विभाग। फोटो फतेहपुर 01: खेत में डोभा से पीने का पानी लाने पहुंची महिलाएं। फोटो फतेहपुर 02:पीने के पानी की जुगाड़ में बर्तन लेकर जा रही गांव की महिलाएं।

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