ट्रेन परिचालन और यात्री सुरक्षा में महिलाएं करती हैं 24 घंटे ड्यूटी
टाटानगर में महिलाएं 24 घंटे ट्रेनों के परिचालन और यात्रियों की सुरक्षा में कार्यरत हैं। आरपीएफ की महिला अफसरों और जवानों को कई बार पुरस्कार मिल चुके हैं। महिला गार्ड, लोको पायलट और स्टेशन मास्टर की...

टाटानगर में ट्रेनों के परिचालन और यात्रियों की सुरक्षा में महिलाएं 24 घंटे ड्यूटी करती हैं। खुद को खतरे में डालकर यात्रियों की जान बचाने पर आरपीएफ की महिला अफसर और जवानों को दक्षिण पूर्व जोन ने कई बार पुरस्कृत भी किया है। टाटानगर आरपीएफ में दो महिला दारोगा, तीन हवलदार एवं 36 सिपाही हैं। दूसरी ओर, टाटानगर जीआरपी में भी दो पदाधिकारी समेत नौ सिपाही हैं। ट्रेन परिचालन में महिला गार्ड, लोको पायलट व स्टेशन मास्टर की भूमिका अहम है। जानकारी के अनुसार, टाटानगर में चार गार्ड एवं छह स्टेशन मास्टर हैं, जबकि महिला लोको पायलट 22 और आदित्यपुर में पांच हैं। महिला दिवस को लेकर रेलवे वाणिज्य विभाग ने इनरव्हील क्लब की मदद से महिला कर्मचारियों और सुरक्षा जवानों व अफसर को सम्मानित किया है। चक्रधरपुर मंडल ने पहले आदित्यपुर को महिला स्टेशन घोषित किया था, जहां सिर्फ महिलाएं टिकट बिक्री व जांच ड्यूटी करती थीं। इधर, रेलवे जोन में भी शुक्रवार को टाटानगर एवं चक्रधरपुर मंडल की नौ महिलाओं (लोको पायलट, आरपीएफ दारोगा, तकनीशियन व अन्य) को सम्मानित किया। मालूम हो कि टाटानगर की लोको पायलट रीतिका तिर्की को रेलवे ने पहली बार वंदे भारत ट्रेन चलाने का अवसर दिया था। वहीं, टाटानगर आरपीएफ की सहायक कमांडेंट भी महिला है। रेलकर्मियों के अनुसार, महिलाएं कई जोखिम भरे कार्यों को लाइन से वर्कशॉप तक कर रही हैं।
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