फी रिफंड में यूजीसी की गाइडलाइन नहीं माने रहे निजी विवि
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2024-25 के लिए फी रिफंड पॉलिसी तय की है, लेकिन जमशेदपुर के कई निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों को उनका पैसा वापस नहीं कर रहे हैं। यूजीसी की गाइडलाइन का पालन न...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सत्र 2024-25 के लिए फी रिफंड पॉलिसी तय की है, लेकिन जमशेदपुर के कई निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों को उनके हक का पैसा वापस नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि विश्वविद्यालयों ने तो फीस की रसीद में ही नॉन रिफंडेबल का स्टाम्प लगा दिया है। यूजीसी की गाइडलाइन ऐसा करने की अनुमति नहीं देती। फी रिफंड करने के सवाल पर विश्वविद्यालय सीधे जवाब देते हैं कि पालिसी में फी वापस न करने की नीति निर्धारित की गई है। नामांकन रद्द करने के बावजूद फी वापस न करने की निजी विश्वविद्यालयों की नीति से विद्यार्थियों को समस्या हो रही है। इस कारण छात्रों ने यूजीसी के पास शिकायत करने का निर्णय लिया है। यूजीसी के दखल के बाद ही छात्रों की फीस वापस होने की उम्मीद है।
यूजीसी का दावा है कि छात्रों की इस संबंध में मिलने वाली हर शिकायत का तय समय सीमा में निपटारा किया जाएगा और उनकी फी वापस करवाई जाएगी। शिक्षा संस्थानों को छात्रों की रिक्वेस्ट पर तय नियमों के मुताबिक फी वापस करनी होगी।
यह है पॉलिसी
यूजीसी कमिशन की 580वीं बैठक में 2024-25 के लिए फी रिफंड पॉलिसी मंजूर करते हुए यह कहा गया था कि हर यूनिवर्सिटी को पॉलिसी के अनुसार चलना होगा। कोई छात्र यूनिवर्सिटी या कॉलेज से नांमांकन रद्द कराता है और दूसरे संस्थान में माइग्रेशन लेता है तो उस स्थिति में 30 सितंबर 2024 तक आवेदन करने वाले हर छात्र की पूरी फी लौटानी होगी। 31 अक्तूबर 2024 तक नाम वापस लेने पर प्रोसेसिंग फी के तौर पर अधिकतम एक हजार रुपये ही काटे जा सकते हैं। जिन संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया 31 अक्तूबर के बाद तक भी जारी रहती है तो कम से कम 15 दिन पहले आवेदन करने वालों की 100 फीसदी फी वापस होगी।
सीयूईटी रिजल्ट देर से आने पर बढ़ी समस्या
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी रिजल्ट देर से आया है। ऐसे में मौजूदा सेशन में फी रिफंड पॉलिसी महत्वपूर्ण है। बहुत से छात्र सीयूईटी रिजल्ट से पहले ही दाखिला ले चुके थे। ऐसे में कई यूनिवर्सिटीज छात्रों की फी वापस नहीं कर रही हैं। संस्थान निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। यूजीसी का कहना है कि छात्र की शिकायत पर यूनिवर्सिटीज से संपर्क कर निर्देश दिए जा रहे हैं। यूजीसी ने यह संकेत भी दिए हैं कि निर्देशों की अनदेखी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
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