राज्य के पहले आदिवासी विवि के लिए 14.2 एकड़ जमीन मिली, कुलपति का इंतजार
पूर्वोत्तर भारत में पहले आदिवासी विश्वविद्यालय के लिए 14.2 एकड़ जमीन मिली है। इसे पंडित रघुनाथ मुर्मू आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम दिया गया है। विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की नियुक्ति अब तक नहीं हो...
पूर्वोत्तर भारत के पहले आदिवासी विश्वविद्यालय के लिए 14.2 एकड़ जमीन मिल गई है। यह जमीन घाटशिला अंचल के हेंदलजुड़ी मौजा में दी गई है। जिला प्रशासन ने जमीन उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी है। प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन इसके लिए लगातार पहल कर रहे थे। यह क्षेत्र भी उनके ही विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। हेंदलजुड़ी में काफी सरकारी जमीन है। इसके कारण रघुवर दास सरकार के समय में वहां की पूरी सरकारी जमीन को लैंड बैंक में डाला गया था। विश्वविद्यालय के लिए भी जमीन उसी से लेकर दिया गया है। आदिवासी विश्वविद्यालय का प्रस्ताव हेमंत सोरेन की पिछली सरकार के समय में ही पारित हो गया था। इसके लिए एक हजार करोड़ का बजट का प्रावधान रखा गया है। इसका नामकरण भी कर दिया गया है। इसे पंडित रघुनाथ मुर्मू आदिवासी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।
कुलपति के अभाव में नहीं शुरू हो रहा काम
आदिवासी विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की नियुक्ति अबतक नहीं हो पाई है। जबतक कुलपति की नियुक्ति नहीं होगी, विधिवत निर्माण शुरू नहीं हो पाएगा। कुछ कारणों से कुलपति की नियुक्ति लगातार टलती जा रही है। इसके कारण अबतक इसका कार्यालय भी नहीं खुल पाया है।
कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव और वित्त पदाधिकारी के पदों के लिए 2024 के जनवरी में वैकेंसी निकाली गई थी। चांसलर पोर्टल पर आवेदन लिया गया था। हालांकि कितने आवेदन पहुंचे यह पता नहीं है। परंतु सारे आवेदन राजभवन में जमा हैं।
कैम्प कार्यालय होगा सिदगोड़ा में
पिछली हेमंत सोरेन सरकार के समय ही इस विश्वविद्यालय के लिए कैम्प कार्यालय के रूप में सिदगोड़ा स्थित टेक्निकल कॉलेज को देने का निर्णय हो चुका है। हालांकि आजतक इस भवन का हस्तांहरण भवन निर्माण निगम से नहीं हो सका है। यहां भी समस्या यही है कि हस्तांतरण किसको किया जाएगा।
विवि में होगा आदिवासी भाषा-संस्कृति पर शोध
ट्राइबल यूनिवर्सिटी में आदिवासी भाषा व संस्कृति पर शोध कार्य होगा। यहां की सांस्कृतिक परंपराओं, छऊ नृत्य आदि शोध के विषय होंगे।
500 शिक्षकों की होगी नियुक्ति
आदिवासी विश्वविद्यालय में 500 शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इस आशय का प्रस्ताव बनाकर सरकार को दिया जा चुका है। नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से होगी।
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