आदिवासी समाज ने निकाली विजय संकल्प यात्रा
आदिवासी समाज ने भारतीय सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमलों के बाद एकजुटता का ऐलान किया है। शुक्रवार को तिरंगा लेकर विजय संकल्प यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाओं, पुरुषों और बच्चों...

आदिवासी समाज ने भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी जमीन पर संचालित आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद बनी स्थितियों के बीच भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का ऐलान किया है। समाज के महिला, पुरुष और बच्चों ने इसके लिए शुक्रवार को तिरंगा हाथ में लिए जीतकर डहार (विजय संकल्प यात्रा) निकाल युद्ध होने की स्थिति में मैदान में उतरने का ऐलान किया। शुक्रवार को परसूडीह स्थित सरजामदा में आदिवासी समाज ने यह विजय संकल्प यात्रा निकाली और पूरे भारत को ऐसे माहौल में एकजुट होने का संदेश दिया। गांव की महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में इस यात्रा में शामिल हुए।
यात्रा में शामिल महिलाओं ने कहा कि आज जो माहौल बना है, उसमें देश की सेवा को लेकर महिलाओं के योगदान को भी पूरे विश्व ने देख लिया है। इसलिए हम भी देश का मनोबल बढ़ाना चाहते हैं, ताकि आतंक के खिलाफ शुरू की गई लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जा सके। यात्रा में शामिल बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि उन्होंने 1971 का दौर भी देखा है। इस बार भी अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो हमारी विजय तय है। संकल्प यात्रा में सरजामदा के पूर्व माझी बाबा और माझी परगना महाल के भुगलू सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज हर घड़ी भारतीय सेना के साथ है और अगर जरूरत पड़ी तो जंग में भी उतरने के लिए युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सभी तैयार खड़े हैं। अगर बुलावा आया तो सभी जंग में शामिल होंगे। इस यात्रा में माझी बाबा सुरेश हंसदा, परेश हंसदा, मंगल बेसरा, सुखलाल मुर्मू, गुरुप्रसाद हंसदा, रूपाली किस्कू समेत पूरे इलाके के आदिवासी समाज के लोग शामिल थे।
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