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दंपती की मौत के बाद बवाल, आक्रोशित भीड़ पर लाठीचार्ज

टाटानगर स्टेशन-परसूडीह रोड पर एक डंपर ने दंपती को रौंद दिया। डंपर चालक की तेज रफ्तार से बचने की कोशिश के दौरान वह पुलिस से भाग रहा था। हादसे के बाद लोग आक्रोशित हो गए और सड़कों को जाम कर दिया। पुलिस...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSun, 16 Feb 2025 06:18 PM
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दंपती की मौत के बाद बवाल, आक्रोशित भीड़ पर लाठीचार्ज

टाटानगर स्टेशन-परसूडीह रोड पर शनिवार रात जिस डंपर से दंपती की मौत हुई, वह नो इंट्री में घुसा था। डंपर का जुगसलाई से ही पीसीआर वैन पीछा कर रही थी। डंपर 22 साल का युवक चला रहा था। रात आठ बजे स्टेशन-परसूडीह रोड में काफी भीड़ थी। वह पुलिस से बचने के लिए तेज रफ्तार में डंपर को भगा रहा था। दंपती को रौंदने के बाद डंपर चालक गाड़ी लेकर फरार हो जाता, लेकिन घटनास्थल से 50 मीटर दूर स्थित एक पड़े में डम्पर का हाइड्रोलिक फंस गया। उसके फंसते ही डंपर रुका तो लोगों ने दौड़कर चालक को पकड़ लिया। उसकी जमकर पिटाई कर दी। तब तक मौके पर पुलिस पहुंची। उसने चालक को अपने कब्जे में लिया और उसे थाना भेजा।

हादसे के बाद पहले लोगों ने परसूडीह स्टेशन रोड को जाम कर दिया। वाहनों का आवागमन महुआ गली रोड से हो रहा था। रात करीब 10 बजे भीड़ ने महुआ गली को भी जाम कर दिया। इस दौरान कुछ लेाग निकलकर स्टेशन की तरफ बढ़ने लगे तो वहां पहले से मौजूद ही क्यूआरटी ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद भीड़ नारेबाजी करते जामस्थल पर आ गई।

सिर के साथ हेलमेट भी कुचल गया

बाइक सवार पति-पत्नी ने हेलमेट पहन रखा था। पति का सिर हेलमेट के अंदर ही कुचल गया। पत्नी का हेलमेट दुर्घटना के बाद गिर गया था। रोड जाम के दौरान पहुंचे डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर तौकीर आलम घटनास्थल के निकट ही यंग ब्वॉयज क्लब के कार्यालय में समाजसेवी मानिक मलिक से वार्ता कर ही रहे थे कि बाहर भीड़ भड़क गई। भीड़ ने क्लब में घुसने का प्रयास किया, लेकिन कुछलोगों ने रोक लिया। आक्रोशित भीड़ को देख डीएसपी और सीओ को वार्ता छोड़कर लौटना पड़ा।

बेटे की भी दुर्घटना में हुई थी मौत

प्रमथनगर की वार्ड मेंबर सरिता सरकार ने बताया कि 10 साल पहले देवाशीष सरकार की कार गोलमुरी में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, जिसमें उनके बेटे ऋषि सरकार (11) की मौत हो गई थी। इसमें देवाशीष और उनकी पत्नी भी घायल हो गए थे। एक हफ्ते तक उनका टीएमएच में इलाज चला था। आम तौर पर यह परिवार कार से ही आना-जाना करता था। काफी दिनों के बाद वे बाइक से निकले थे।

ट्रैफिक जांच को लेकर था आक्रोश

आक्रोशित लोगों का कहना था कि स्थानीय ट्रैफिक पुलिस महुआ गली के पास जांच करती है। आमलोगों को परेशान करती है। किसी न किसी माध्यम से पैसे वसूलती है। यदि पहले ही डंपर को रोक लिया जाता तो पीसीआर को उसका पीछा करने की जरूरत नहीं पड़ती।

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