एनएमएल ने दिल्ली की कंपनी को दी ई कचरा से सोना निकालने की तकनीक
सीएसआईआर-एनएमएल में गुरुवार को बेकार सर्किट बोर्ड से कॉपर, अल्युमीनियम और गोल्ड का पुनर्चक्रण करने के लिए तकनीक का प्रदर्शन किया गया। नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड ने ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित...
सीएसआईआर-एनएमएल में गुरुवार को वेस्ट यानी बेकार सर्किट बोर्ड से कॉपर, अल्युमीनियम और गोल्ड का पुनर्चक्रण करने के लिए तकनीक का प्रदर्शन किया गया। दिल्ली की कंपनी नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड ने ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला से टेक्नोलॉजी लेने के लिए करार किया था। इस करार (एमओयू) में वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड कॉपर, अल्युमीनियम और गोल्ड का पुनर्चक्रण करने के लिए तकनीक का हस्तांतरण हुआ था। इस दिशा में गुरुवार को तकनीक का प्रयोग कर दिखाया गया। इससे बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी एवं असंगठित इकाई संगठितहोकर कचरा उठाव एवं निष्पादन इस प्लांट द्वारा हो सकेगा। म्यूनिसिपल इकाइयां भी इस कंपनी से संपर्क कर कचरा निष्पादन कर पाएंगी। नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड खराब हो चुके प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का प्रोसेसिंग करके कीमती एवं बहुमूल्य धातुओं कॉपर, अल्युमीनियम और गोल्ड इत्यादि का निष्कर्षण करेगा।
एनएमएल पहले भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरा के निष्पादन को तकनीक का हस्तांतरण कर चुका है। सर्वप्रथम प्रिंटेड सर्किट बोर्ड को प्री-ट्रीटमेंट और फिजिकल बेनीफिसिएशन पद्धति के द्वारा इपोक्सी रेसिन (प्लास्टिक) एवं धातु मिश्रण को अलग कर लिया जाता है, फिर हैड्रोमेटलर्जी पद्धति का प्रयोग कर गोल्ड, कॉपर और अल्युमीनियम को निकाल लिया जाता है। सारे मेटल मार्केट की जरूरत के हिसाब से मेटल साल्ट या मेटल उत्पादन किया जाता है। नोवासेंसा जल्द ही इस टेक्नॉलाजी को व्यवसायिक स्तर पर लगाने जा रहा है। इस मौके पर एनएमएल निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, परियोजना प्रमुख डॉ. मनीष कुमार झा, प्रभाग प्रमुख डॉ. संजय कुमार, डॉ. झुमकी हैत, डॉ. एसके साहु, डॉ. रंजीत कुमार सिंह, डॉ. कृष्णा कुमार, डॉ. अंकुर शर्मा, शिवेंदर सिन्हा एवं टीम शोधार्थी डॉ. रेखा पांडा, रुकसाना परवीन, करीना रानी ने तकनीकी हस्तांतरण में अपना योगदान दिया। इनके अलावा व्यापार प्रमुख डॉ. एसके पाल और डॉ. बीणा कुमारी तकनीकी हस्तांतरण डॉक्यूमेंटेशन में सहयोग किया। डॉ. अंजनी कुमार साहु ने एमओयू सम्बन्धित कार्यों में एवं ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग के क्षेत्र में भारत मे भावी संभावनाओं की ओर प्रेस एवं मीडिया को इंगित किया। इस दौरान डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में एनएमएल ने कई स्वदेशी तकनीकें भारतीय कम्पनियों को हस्तांतरित की है और आशा है कि भविष्य में हम ई-कचरा मुक्त भारत बनाने के लिए और अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करेंगे। नोवासेंसा के संस्थापक और सीईओ असीम त्रिवेदी ने कहा कि वे अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए अब वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड से रिसाइक्लिंग के व्यवसाय में प्रवेश कर रहे
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