ट्यूब्स डिवीजन डिस्पेंसरी बंद, डॉक्टर को दवा रिपीट करने की अनुमति देने की मांग
टाटा ट्यूब्स डिवीजन की डिस्पेंसरी 27 जनवरी से बंद कर दी गई है और इसे प्राथमिक उपचार सेंटर में बदल दिया गया है। कर्मचारियों को दवा लिखवाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। टाटा वर्कर्स यूनियन के...

ट्यूब्स डिवीजन की डिस्पेंसरी को 27 जनवरी से बंद कर दिया गया। प्रबंधन ने डिस्पेंसरी को बंद कर इसे फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) सेंटर में बदल दिया है। इस डिस्पेंसरी के बंद होने के बाद कर्मचारियों के समक्ष दवा दोबारा लिखवाने का संकट पैदा हो गया है। कर्मचारियों की इस परेशानी को देखते हुए टाटा वर्कर्स यूनियन के ट्यूब्स डिवीजन से आने वाले सभी दस कमेटी मेंबरों ने प्रबंधन से प्राथमिक उपचार सेंटर में बैठ रहे डॉक्टर को दवा रिपीट करने तथा लिखने का अधिकार देने का आग्रह किया है। सूत्रों का कहना है कि सभी कमेटी मेंबरों ने ईआईसी संजय साहनी के साथ हुई बैठक में यह आग्रह किया है। कमेटी मेंबरों का कहना है कि जब इस सेंटर पर डॉक्टर बैठ रहे हैं तो उन्हें क्यों नहीं दवा रिपीट करने का अधिकार दे दिया जाए। कर्मचारी काम के बाद या काम अवधि में रेस्ट के दौरान फर्स्ट एड सेंटर जाकर दवा रिपीट करवा सकेंगे। इसके लिए कर्मचारियों को अब दूसरी डिस्पेंसरी या टीएमएच जाना पड़ रहा है। इससे टीएमएच पर दबाव भी कम होगा। सूत्रों ने कहा कि ईआईसी ने आश्वासन दिया है कि वे इस मुद्दे को टॉप मैनेजमेंट के पास रखेंगे। यह सुविधा शुरू करने पर प्रबंधन विचार भी कर रहा है। संभावना है कि यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
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