आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम कर रही टाटा स्टील : टीवी नरेंद्रन
टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने कहा कि आदिवासी समाज की समस्याएं एक जैसी हैं। कंपनी आदिवासी उत्थान के लिए सरकारी योजनाओं से जुड़कर काम कर रही है। संवाद कार्यक्रमों से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता...
टाटा स्टील के सीईओ तथा प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा कि आदिवासी समाज की बहुत सारी समस्याएं एक जैसी हैं। चाहें वह धनबाद, केरल, अंडमान हो या फिर विदेश में हो। जनजातीय संवाद के जरिए उन समस्याओं को समुदाय के लोग समझकर और उसपर चर्चा कर समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। यह संवाद की बड़ी सफलता है। वे शुक्रवार की शाम गोपाल मैदान में टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रम संवाद के उद्घाटन सत्र के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। मौके पर कंपनी के वीपी सीएस चाणक्य चौधरी और टाटा स्टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है। आदिवासी उत्थान के लिए जितनी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं होती हैं, उसके साथ जुड़कर कंपनी काम करती है। अभी सरकार की 30-40 योजनाएं हैं, जिसकी जानकारी आमलोगों को नहीं है। कंपनी उन योजनाओं के साथ जुड़कर ट्राइबल समाज के लिए काम कर रही है। उदाहरण के तौर पर कंपनी में अब भी ऐसे ठेका मजदूर आते हैं, जिन्हें कुछ पता नहीं होता। वैसे कर्मचारियों को उन योजनाओं से जोड़कर कंपनी सीएसआर के तहत उनके उत्थान के लिए काम करती है। कंपनी की ओर से जमशेदपुर के अलावा अन्य लोकेशन पर अबतक 27 संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है, जिससे वहां के स्थानीय आदिवासी समाज में जागरूकता आई है और वे बेहतर काम कर रहे हैं। इसके अलावा कंपनी की ओर से आदिवासी समाज की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए लगातार काम किया जा रहा है। एमडी ने कहा कि संवाद का मतलब ही है समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करना। उनकी कला, संस्कृति, खानपान को उचित प्लेटफॉर्म पर लाकर समाज के अन्य लोगों से अवगत कराना। साथ ही आदिवासी समुदाय को एक बड़ा प्लेटफॉर्म देकर बढ़ने और सेलिब्रेशन का अवसर देना। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एकलव्य से जुड़कर भी कंपनी समाज के उत्थान में अहम भूमिका निभा रही है।
आयोजन से मिलता है रोजगार
टाटा स्टील के एमडी ने कहा कि संवाद जैसे आयोजन से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। कलिंगानगर को ही देख लीजिए, 10-12 साल पहले वहां कुछ भी नहीं था। लेकिन अभी चारों ओर गतिविधियां हो रही हैं। सौ साल पहले जमशेदपुर में भी वहां जैसी स्थिति रही होगी। इस तरह जब हम कोई गतिविधि करते हैं तो उससे स्थानीय लोगों को लाभ मिलता है। वे कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कंपनी की ओर से ट्रेड अप्रेंटिस समेत कई बहालियां निकाली जाती हैं। हमारी कोशिश रहती है और आगे भी रहेगी कि उन्हें रोजगार के समुचित अवसर मिले। कंपनी सीएसआर के तहत समाज के उत्थान के लिए ट्राइबल कल्चर सेंटर समेत अन्य योजनाएं चलाती है। वीपी सीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए हर महीने कदमा में जोहार हाट का आयोजन किया जाता है।
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