ब्लैक आउट से एक हजार करोड़ का नुकसान
टाटा पावर की बिजली आपूर्ति बंद होने से टाटा स्टील का उत्पादन प्रभावित हुआ। पिकलिंग और गैल्वेनाइजिंग मिल भी बंद रही। तकनीकी खराबी के कारण टाटा पावर की यूनिट्स ठप हो गईं, जिससे एक हजार करोड़ रुपये से...
टाटा पावर से बिजली आपू्र्ति बंद होने के कारण टाटा स्टील में उत्पादन लगातार दूसरे दिन भी प्रभावित रहा। ट्यूब्स डिवीजन का पिकलिंग एंड गैल्वेनाइजिंग मिल भी दूसरे दिन बंद रही। टाटा पावर की पांचों यूनिट को शुक्रवार देर रात ही चालू कर लिया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बिजली संकट के कारण एक हजार करोड़ रुपये से अधिक नुकसान होने का अनुमान है। शुक्रवार की शाम 7 बजे टाटा पावर ग्रिड में आई तकनीकी खराबी से पांचों यूनिट बंद हो गईं। इससे बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया। चूंकि टाटा पावर ही टाटा स्टील व जुस्को को बिजली देती है। इसलिए टाटा स्टील तथा जुस्को (टाटा स्टील यूआइएसएल) से जिन इलाकों में बिजली की आपू्र्ति की जाती है, वहां अंधेरा छा गया। धीर-धीरे बिजली संकट को दूर कर चरणबद्ध क्षेत्रवार बिजली आपूर्ति बहाली की गई। रात 2 बजे तक सभी क्षेत्रों में बिजली बहाल हो सकी थी। लेकिन इसका असर टाटा स्टील पर कायम रहा। टाटा स्टील के ए-एफ, जी, एच एवं आइ ब्लास्ट फर्नेस बंद हो गए। ट्यू्ब्स डिवीजन भी प्रभावित हुआ। लगातार मशक्कत के बाद शनिवार सुबह करीब 10 बजे तक ई, सी तथा जी ब्लास्ट फर्नेस को चालू कर लिया गया था। जबकि एफ, एच तथा आइ ब्लास्ट फर्नेस के रविवार या सोमवार तक चालू होने की संभावना है। जबकि ट्यू्ब्स डिवीजन का पिकलिंग तथा गैल्वेनाइजिंग शनिवार को भी चालू नहीं हो पाया था। इसकी वजह से एक हजार करोड़ से अधिक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो दिन में 50 हजार टन उत्पादन नहीं हो पाया। टाटा पावर में शुक्रवार रात ही 12.30 बजे सभी यूनिटों को चालू कर लिया गया। लेकिन इन प्लांटों को चालू करने में अतिरिक्त करोड़ों रुपये का खर्च हुआ है। जानकारों के मुताबिक फर्नेस के बंद होने के बाद उसे दोबारा जलाने (लाइटअप) के लिए कोयला के साथ अतिरिक्त तरल ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है।
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