टाटा मोटर्स में कल-पुर्जों का संकट गहराया, 28 व 30 को बंदी
कई माह से लगातार कल-पुर्जों और रॉ मटेरियल्स की कमी से जूझ रही टाटा मोटर्स कंपनी को आखिरकार दो दिनों के ब्लॉक क्लोजर की घोषणा करना ही पड़ी। टाटा...
कई माह से लगातार कल-पुर्जों और रॉ मटेरियल्स की कमी से जूझ रही टाटा मोटर्स कंपनी को आखिरकार दो दिनों के ब्लॉक क्लोजर की घोषणा करना ही पड़ी। टाटा मोटर्स में 28 और 30 अप्रैल को ब्लॉक क्लोजर होगा। वहीं, 29 अप्रैल को काम होगा, लेकिन 1 मई को मजदूर दिवस और 2 मई को रविवार होने से सामान्य साप्ताहिक अवकाश रहेगा। कंपनी 3 मई को खुलेगी।
प्लांट हेड विशाल बादशाह के हस्ताक्षर से सोमवार को सर्कुलर जारी कर ब्लॉक क्लोजर की जानकारी दी गई। जारी सर्कुलर के अनुसार, ब्लॉक क्लोजर की कुल अवधि का पचास प्रतिशत कर्मचारियों के प्रिविलेज लीव (पीएल) से समायोजित किया जाएगा, जबकि पचास प्रतिशत कंपनी देगी।
क्यों लेना पड़ा ब्लॉक क्लोजर
टाटा मोटर्स में अप्रैल माह में 10500 वाहनों के निर्माण का ऑर्डर था, ऑर्डर की कमी नहीं थी। कोरोना की पहली लहर के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में उछाल देखा जा रहा था। कंपनी मंदी से उबर रही थी। लेकिन किसान आंदोलन व अब कोरोना की दूसरी लहर ने फिर इसपर ग्रहण लगा दिया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर, पुणे आदि, चेन्नई, हरियाणा के फरीदाबाद, मानेसर, गुड़गांव, राजस्थान के भिवाड़ी व दिल्ली के एनसीआर से टाटा मोटर्स को अधिकांश कल-पुर्जों की आपूर्ति होती है। किसान आंदोलन की वजह से सड़क जाम और कोरोना के कारण इन प्रदेशों में लॉकडाउन से लॉजिस्टिक व्यवस्था प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के कारण बाजार में वाहनों की मांग में भी कमी आई है। परिणामस्वरूप बाजार में वाहनों की मांग में आई कमी और कल-पुर्जों की कमी ने संकट गहराया। टाटा मोटर्स में अप्रैल में 10500 वाहनों का ऑर्डर था। सूत्रों का कहना है कि इस माह अधिकतम 6000 वाहनों का निर्माण संभव है। कल-पुर्जों की कमी के गहराते संकट ने शीर्ष प्रबंधन के समक्ष ब्लॉक क्लोजर के लिए मंथन करने पर विवश कर दिया था। कई दिनों से शीर्ष स्तर पर इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा था।
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