भारत को तकनीक और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाना चाहता है टाटा समूह : चन्द्रशेखरन
टाटा समूह के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने संस्थापक दिवस पर कहा कि चुनौतियों का सामना करते हुए हम आत्मनिर्भरता, प्रौद्योगिकी और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील की...

संस्थापक दिवस पर शहर आए टाटा समूह के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि भले ही चुनौतियां कितनी भी हों, हम इनसे बाहर निकलेंगे। हम खुद को और कुशल व काबिल बनाएंगे। यह अल्पकालिक चुनौतियां हैं। टाटा समूह ने काफी उतार-चढ़ाव देखा है और हम उन चुनौतियों से बाहर निकले हैं। वे सोमवार सुबह कंपनी परिसर में संस्थापक जेएन टाटा को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील और आगे बढ़ेगी। हम केवल व्यवसाय में ही नहीं हैं। हम तकनीक और प्रौद्योगिकी में देश को विकसित कर आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। सस्टेनेबिलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर दुनिया तेजी से बदल रही है। टाटा स्टील इस ट्रांसफॉर्मेशन के प्रति प्रतिबद्ध है। हम बहुत कुछ कर रहे हैं और आने वाले दिनों में कई विकास और प्रगति दिखेगी।
सभी के सहयोग से होगा विकास
चीन की स्टील डंपिंग की चुनौतियों का सामना करने के सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि दुनिया की जियो पॉलिटिक्स तेजी से बदल रही है। हमेशा यह स्थिति होती है कि कभी ज्यादा मांग होती है तो कमी आती है। डंपिंग को लेकर काफी बातें हो रही हैं। सबसे अहम बात यह है कि स्टील की डिमांड बढ़ेगी और हमें अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा। शॉर्ट और मीडियम टर्म में यह जारी रहेगा। हमने काफी ऊपर भी देखा है और नीचे भी देखा है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम तैयार रहें। कॉस्ट मैनेजमेंट के साथ ही प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना होगा। हम आगे भी अपना ऑपरेशंस जारी रखेंगे। सबको साथ में लेकर चलना होगा। हमें कर्मचारियों की मदद चाहिए, पॉलिसी में सरकार की मदद चाहिए, ड्यूटी के बारे में सरकार की मदद चाहिए। टेक्नोलॉजी एडॉप्शन में इंप्लाई के साथ ही यूनियन की मदद चाहिए। प्रबंधन ऐसे कदम उठाने के लिए तैयार है, ताकि हम कंपनी को आगे ले जा सकें और उसे और विस्तार दे सकें। कॉस्ट मैनेजमेंट और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के साथ हमारी कोशिश है कि हम काबिलियत को बढ़ाएं। एआई हो, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस हो, हाइड्रोजन स्टील हो, सबमें निवेश कर रहे हैं और करेंगे। हम आगे भी बढ़ते रहेंगे।
टैरिफ पर बात चल रही है
अमेरिका-रूस की नजदीकी बढ़ने और यूएस द्वारा टैरिफ लगाने के प्रभाव पर चेयरमैन ने कहा कि स्टॉक मार्केट के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। जहां तक टैरिफ की बात है, वह चल रही है और चलती रहेगी। यह सब शॉर्ट टर्म चीजें हैं। मैं महसूस करता हूं कि टाटा स्टील इंडिया का सबसे बड़ा बाजार है। इसलिए निर्यात कम है। यूरोप में थोड़ा बहुत निर्यात है। लेकिन स्टील की कीमत कैसी रहेगी, अभी स्थिर नहीं है। जो हमारे नियंत्रण में है, मसलन प्रोडक्टिविटी इफिशिएंसी, उसमें हमें ध्यान रखना होगा। हम तय नहीं कर सकते कि स्टील की कीमत क्या होगी, टैरिफ क्या होगा। हम सरकार के साथ बातचीत करेंगे और जो हमें जो जरूरत होगी, सरकार मदद करेगी। हम ठहर नहीं सकते, रुक नहीं सकते, हमें चलते रहना होगा।
सभी इंडस्ट्री को चिप की जरूरत, आत्मनिर्भर होना जरूरी
चेयरमैन ने कहा कि हम बहुत सारे क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। टाटा ग्रुप ने अभी सेमीकंडक्टर में बहुत निवेश किया है। गुजरात में एक चिप मैन्युफैक्चरिंग कंपनी स्थापित की है। आने वाले दिनों में पूरी इंडस्ट्री चिप पर निर्भर करेगी। चिप अधिकतर कंपनियों की हार्ट होगी। ऑटोमोबाइल हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो, कन्जूमर इलेक्ट्रॉनिक्स हो, एयरो स्पेस हो हेल्थ केयर हो, सभी इंडस्ट्री को चिप की जरूरत है। इसलिए चिप्स में आत्मनिर्भर होना जरूरी है। इसलिए हमलोग निवेश कर रहे हैं। असम में एक प्लांट लगा है। मोबाइल बनाने के लिए भी प्लांट लगा है। इसके अलावा बैटरी और 5 जी टेक्नोलॉजी में निवेश किया गया है। वह तकनीक हमारे पास है। पूरी तरह से 5जी की स्वदेशी तकनीक हमने बनाई है। बेंगलुरू में मेडिकल कॉलेज के रूप में बड़ा निवेश हुआ है। वह एडवांस रिसर्च का केन्द्र बनेगा। इसका मुख्य फोकस वैसी बीमारियों पर होगा, जो मुख्य रूप से भारत में ज्यादा है। इन बीमारियों की दवाएं हम पश्चिम से लेते हैं, क्योंकि हम उसे बनाते नहीं है। हमारी कोशिश होगी कि इन दवाओं को हम यहां पर बनाएं।
एआई का स्वदेशी मॉडल विकसित करने का प्रयास
एआई को लेकर टाटा समूह की योजना पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर हम बहुत सोच रहे हैं। हमारी कोशिश है कि हम एआई का स्वदेशी मॉडल विकसित करें, क्योंकि देश को संप्रभु बनाने के लिए यह जरूरी है। हमारा डेटा है, देश का जो डेटा है, उसे ट्रेंड करने के लिए क्या कर सकते हैं, एआई एप्लीकेंशंस में क्या करना चाहिए, वर्चुअल वर्कर्स आदि पर विचार चल रहा है। हम इसमें निवेश करने जा रहे हैं। एआई से प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और नौकरी के नए अवसर सृजित होंगे।
जमशेदपुर के विकास को करते रहेंगे काम
चेयरमैन ने कहा कि जमशेदपुर को लेकर हमारा कमिटमेंट बड़ा है। सब जमशेदपुर में ही शुरू हुआ। हम आगे भी जमशेदपुर के लिए काम करते रहेंगे। हम समुदाय के लिए काम करना चाहते हैं। जमशेदपुर हमारा परिवार है। इसके पहले उन्होंने संस्थापक दिवस की बधाई दी और सबको हैप्पी फाउंडर्स डे कहा। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है, जब हम रतन टाटा के बिना संस्थापक दिवस मना रहे हैं। लेकिन वे हमारे लिए हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे, मागदर्शन करते रहेंगे। हम आगे भी बिजनेस और सोसाइटी के लिए काम करते रहेंगे और विकास करेंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।