स्वर्णरेखा और खरकई नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही
ओड़िशा के वैंकवेल डैम और चांडिल डैम का पानी छोड़ने के कारण गुरुवार को स्वर्णरेखा और खरकई नदी का खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सिंचाई विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार सुबह तक दोनों नदियां खतरे के...
ओड़िशा के वैंकवेल डैम और चांडिल डैम का पानी छोड़ने के कारण गुरुवार को स्वर्णरेखा और खरकई नदी का खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सिंचाई विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार सुबह तक दोनों नदियां खतरे के निशान से नीचे आ जाएगी।
वैंकवेल डैम का दो फाटक बुधवार को दिन भर खुला रहा, जबकि रात में एक फाटक बंद कर दिया गया। ब्यांगबिल डैम का पानी छोड़ने के कारण बुधवार को चांडिल डैम का फाटक बंद कर दिया था। इधर, गुरुवार को ब्यांगबिल डैम ने एक फाटक 1.3 मीटर तक खुला है, जिससे कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। ब्यांगबिल डैम का पानी सात से घंटे के बीच शहर को पार कर जाता है। इधर, चांडिल डैम के आस पास के गांवों में जलभराव की स्थिति से बचाने के लिए चार फाटक खोल दिए गए हैं, लेकिन रात 10 बजे तक दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण चांडिल डैम के चार फाटक को 1.5 मीटर से एक मीटर खुला रखा गया है, ताकि शहरी इलाके की बस्तियों में पानी न घुसे। इधर, निकायों की तरफ से निचले हिस्से की बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, ताकि लोग सतर्क रहे। इधर, पार्षद किशोर यादव के अनुसार ओडिशा के ब्यांगबिल और चांडिल डैम के फाटक खोलने से बस्तियों में दहशत है। स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर ज्यादा होने के कारण खरकाई नदी से पानी का बहाव कम हो रहा है। इससे नालों का पानी नदी में नहीं जा पा रहा है। इधर, जमशेदपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने स्वयं ओडिशा वैंकवेल डैम के अभियंता से फाटक खुलने संबंधी जानकारी ली है।
दूसरी ओर, स्वर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम का कहना है कि चांडिल डैम के चार फाटक खोले गए थे, लेकिन आसपास के गांवों को देखते हुए डेढ़ मीटर के बजाए एक मीटर कर दिया गया है। ओडिशा के डैम का पानी कुछ घंटों में निकल जाएगा। ब्यांगबिल डैम का एक फाटक 1.3 मीटर खुला है, जिससे कोई खास फर्क पड़ेगा। सुबह तक स्थिति देखने के बाद चांडिल डैम के फाटक घटाने-बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
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