ग्रेजुएट की छह छात्राओं साल बर्बाद, डीसी खुद बोले- बिना एडमिट कार्ड परीक्षा बेमानी
ग्रेजुएट कॉलेज की इंटर की छह छात्राओं की परीक्षा के मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि शनिवार को हुई उनकी परीक्षा का कोई मतलब नहीं है। बिना एडमिट कार्ड और रोल कोड, रोल नंबर के परीक्षा...
ग्रेजुएट कॉलेज की इंटर की छह छात्राओं की परीक्षा के मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि शनिवार को हुई उनकी परीक्षा का कोई मतलब नहीं है। बिना एडमिट कार्ड और रोल कोड, रोल नंबर के परीक्षा बेमानी है। उनका एक साल बेकार हो गया है। उन्होंने शनिवार को परीक्षा की अनुमति इसलिए दी थी, ताकि विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि मामले की जांच होगी। यह पता लगाया जाएगा कि इस गड़बड़ी के लिए दोषी कौन है। जवाबदेही तय की जाएगी और कार्रवाई भी होगी। सोमवार को ये छह छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ डीसी से मिलने पहुंचीं थीं। उपायुक्त से मिलने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी वहीं मौजूद संवाददाताओं को दी। शनिवार को इन छात्राओं ने परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिलने पर कॉलेज की छत से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की थी। इससे वहां अफरातफरी मच गई थी। प्राचार्य डॉ. उषा शुक्ला ने उपायुक्त से बात की और उन्हें करीब डेढ़ घंटे देर से परीक्षा की अनुमति दे दी गई थी। इन छात्राओं का आरोप है कि उन्होंने दो-दो बार ऑनलाइन फॉर्म भरा था। मगर बाद में जो कागजी प्रमाण झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भेजे जाते हैं, नहीं भेजे गए। इसके कारण वहां से उनका एडमिट कार्ड नहीं भेजा गया। कई बार काउंसिल और कॉलेज का चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। ऐसा लगता है कि उनका एक साल बर्बाद हो गया।
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