बोले जमशेदपुर : खतरनाक जगह चिह्नित, सुरक्षा उपायों के अभाव में बढ़ रहे हादसे
शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या और तेज गति के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। कई स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन वहां सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसके...

सड़क पर वाहनों की बढ़ती संख्या, तेज गति और लापरवाही से ड्राइविंग ने लोगों की जान को खतरे में डाल दिया है। लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और जान गंवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। शहर में कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी जगहों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया जाता है, ताकि वहां नोटिस बोर्ड आदि लगाए जा सकें। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद रोकथाम की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। सोनारी में 12 जनवरी को कार खड़े ट्रेलर से टकरा गई। इसमें तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वहीं, 12 फरवरी को टेल्को थाना क्षेत्र के जेम्को में हुए सड़क हादसे में स्कूटी सवार पिता-पुत्री की मौत हो गई। इसी तरह 15 मार्च को बिष्टूपुर में विश्वकर्मा टेक्निकल इंस्टीट्यूट के पास सड़क दुर्घटना में सरदार मनमोहन सिंह घायल हो गए, जबकि पत्नी डॉली सिंह की मौत हो गई। ये घटनाएं महज एक उदाहरण हैं। मानगो थाना क्षेत्र में पारडीह चौक, एनएच-33, एमजीएम थाना क्षेत्र में डिमना चौक और बड़ाबांकी चौक प्रमुख ब्लैक स्पॉट हैं। इनके अलावा कई अन्य ब्लैक स्पॉट हैं। शहर में कुल 9 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, लेकिन वहां सुधारात्मक व्यवस्था नहीं की गई है। कुल सड़क दुर्घटनाओं में आधा से ज्यादा इन ब्लैक स्पॉट पर ही घटित हुई हैं। अगर पिछले साल की बात करें तो जनवरी 2024 में सबसे ज्यादा 47 दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 28 लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए। इसी तरह फरवरी और मार्च में भी कई दुर्घटनाएं हुईं। मार्च 2024 में हुई 45 सड़क दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हुई। झारखंड पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा पूर्वी सिंहभूम में ब्लैक स्पॉट को चिह्नित किया गया। इनकी गूगल मैपिंग भी कराई गई। इतना ही नहीं, स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही गोल्डन आवर का प्रचार भी करने को कहा गया, ताकि लोग घायलों की मदद के लिए आगे आएं और लोगों की जान बचाई जा सके।
ब्लैक स्पॉट पर नहीं होती कोई सुधारात्मक व्यवस्था
पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा ब्लैक स्पॉट चिह्नित तो किया जाता है, लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं की जाती। चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर बैरिकेडिंग, जांच, बैनर सहित दूसरे इंतजाम करने होते हैं, लेकिन आजतक शहर में ऐसा कुछ भी नहीं किया जा सका। इस कारण दुर्घटनाएं कम होने या रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन को व्यवस्था करने के साथ ही नियमित जांच के साथ ही जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
शहरी एरिया में ब्लैक स्पॉट
शहर में बागबेड़ा स्टेशन रोड, रेलवे ओवर ब्रिज, हनुमान मंदिर के पास, जुगसलाई, साकची और बिष्टूपुर मेन रोड जुगसलाई थाना गेट के पास, एमजीएम में बालीगुमा पेट्रोल पंप के पास, एमजीएम में विश्वकर्मा पथ मिश्रा नर्सिंग होम के पास, उलीडीह में टाटा-रांची मेन रोड पर उमा अस्पताल के पास, परसूडीह-स्टेशन सुंदरनगर मेन रोड रेलवे अस्पताल के पास, साकची-बिष्टूपुर मेन रोड थाना के पास, साकची-गरमनाला रोड बाग-ए-जमशेद के पास, सिदगोड़ा-साकची-सिदगोड़ा गरमनाला मेन रोड एग्रिको सिग्नल, बारीडीह रोड लिट्टी चौक के पास, सिदगोड़ा-साकची मेन रोड क्रॉस रोड नंबर 27 के पास, सोनारी मरीन ड्राइव रोड, सुंदरनगर-हाता मेन रोड पर खालसा ढाबा के पास ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं।
सर्किट हाउस एरिया में अक्सर होती हैं दुर्घटनाएं
पुलिस और प्रशासन दुर्घटना की स्थिति में रेस तो होती है, लेकिन बाद में मामला जस का तस हो जाता है। लोगों ने बताया कि कई जगह मोड़ पर दूसरी ओर से आ रहे वाहन दिखाई नहीं देते हैं। कई बार लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं, जिसके कारण दुर्घटना होती है। सर्किट हाउस एरिया में एसएसपी और डीसी आवास के सामने वाले रोड पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है। एयरपोर्ट की ओर से सर्किट हाउस की ओर आते समय, जहां दो रोड हैं, वहां एक रास्ता आर्मी कैंप की ओर मुड़ता है। यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। विगत माह ही तीन गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं। अब तो लोग उसे भूतिया मोड़ भी कहने लगे हैं। वहां भी सुधारात्मक व्यवस्था की जरूरत है।
बैठक होती है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं
बता दें कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर बैठक भी की जाती है। इसमें कई निर्णय लिए जाते हैं और कार्रवाई की बात भी कही जाती है, लेकिन इस दिशा में सुधार होता नजर नहीं आता। कई बार ब्लैक स्पॉट भी चिह्नित हुए, लेकिन मामले में कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है।
रोड किनारे पार्किंग से भी बढ़ा दुर्घटना का खतरा
शहर में कई जगहों पर रोड पर ही दोपहिया पार्किंग का ट्रेंड है। इस कारण कई जगहों की सड़क काफी संकरी हो गई है। चाहे साकची हो, मानगो मुख्य सड़क हो या साकची गोलचक्कर से जुबली पार्क जाने वाली रोड हो, हर जगह आपको रोड किनारे बाइक खड़ी मिल जाएगी। इस कारण कई बार दुर्घटना की स्थिति भी बन जाती है, लेकिन किसी को इससे कोई सरोकार नहीं होता। इसी तरह साकची गोलचक्कर से बारीडीह जाने वाली सड़क पर देखें, तो यहां रोड पर ही ठेले और खोमचे वाले खड़े रहते हैं। संजय मार्केट के पास सड़क पर ही पार्किंग होती है। उससे आगे बढ़ें, तो रोड किनारे ठेला आदि खड़े मिल जाएंगे, जो दुर्घटना का एक बड़ा और गंभीर कारण है।
शहरी एरिया में ब्लैक स्पॉट
- बागबेड़ा में स्टेशन रोड रेलवे ओवरब्रिज हनुमान मंदिर के पास
- जुगसलाई, साकची और बिष्टूपुर मेन रोड जुगसलाई थाना गेट के पास
- एमजीएम में बालीगुमा पेट्रोल पंप के पास
- एमजीएम में विश्वकर्मा पथ मिश्रा नर्सिंग होम के पास
- टाटा-रांची मेन रोड पर स्पंदन के पास
- परसूडीह-स्टेशन सुंदरनगर मेन रोड रेलवे अस्पताल के पास
- साकची-बिष्टूपुर मेन रोड थाना के पास
- साकची-गरमनाला रोड बाग-ए-जमशेद के पास
- सिदगोड़ा-साकची-सिदगोड़ा गरमनाला मेन रोड एग्रिको सिग्नल
- बारीडीह रोड लिट्टी चौक के पास
- सिदगोड़ा-साकची मेन रोड क्रॉस रोड नंबर 27 के पास
- सोनारी मरीन ड्राइव रोड
- सुंदरनगर-हाता मेन रोड पर खालसा ढाबा के पास
समस्या
- कनेक्टिंग रोड के पास रफ्तार पर नियंत्रण की व्यवस्था नहीं होने से लगातार होते हैं हादसे।
- एनएच के साथ ही शहरी क्षेत्र में सड़क किनारे अवैध पार्किंग होने से करने की जरूरत है।
- शहर में कई जगह नो पार्किंग में भी वाहन खड़े किए जाते हैं। साकची में नो पार्किंग क्षेत्र में ऑटो और दूसरे वाहन खड़े रहते हैं।
- जुबली पार्क जाने वाली सड़क पर सड़क के किनारे दिन भर दोपहिया वाहनों की पार्किंग होती है।
- वनवे से आवाजाही, तेज रफ्तार, ड्राइविंग करते हुए मोबाइल से बात करने पर रोक लगाने की जरूरत है।
सुझाव
- ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहनों की सघन जांच हो।
- कंपनियों और एनजीओ के साथ ही सीएसआर से स्पीड गन, ब्रेथ एनालाइजर, फर्स्ट एड किट, सीसीटीवी कैमरा, स्ट्रेचर बेड, प्लास्टिक रोड बैरिकेट्स आदि की खरीदारी हो।
- सभी ब्लैक स्पॉट पर पेट्रोलिंग और पीसीआर वाहन द्वारा जांच हो। वहां क्यूआर कोड चिपकाकर पुलिस वाहन से स्कैन कराया जाए, ताकि पता चल सके, कौन वाहन किस वक्त वहां गया है।
- सुबह आठ से 10 और शाम 6 से 9 बजे तक सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इस समय सभी थानों के जरिए वाहनों की जांच कराई जानी चाहिए।
- थाना स्तर पर तीन-तीन पुलिसकर्मियों को फर्स्ट एड के संबंध में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
प्रशासन ब्लैक स्पॉट को चिह्नित करे और वहां दुर्घटना रोकने के लिए उचित बदलाव करे। हर क्षेत्र में इस तरह के ब्लैक स्पॉट हैं। ऐसे में पुलिस और प्रशासन को इन जगहों पर उचित व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।
- शैलेंद्र महतो
हर दूसरे दिन किसी न किसी की जान चली जाती है, लेकिन न प्रशासन जागता है और न विभाग। नो पार्किंग में खड़े वाहनों की वजह से सड़कें संकरी हो गई हैं।
- सुनील पांडेय
ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं की संख्या घटाने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप जरूरी है। गति नियंत्रण, सीसीटीवी निगरानी और सड़क इंजीनियरिंग की गड़बड़ियों को ठीक करना होगा।
-मानिक दास
गोल्डन आवर में प्राथमिक चिकित्सा अगर समय पर मिले तो कई मामलों में जान बचाई जा सकती है। ब्लैक स्पॉट पर प्रशिक्षित पुलिसकर्मी और एंबुलेंस की तैनाती होनी चाहिए।
-संजय रजक
सीएसआर के माध्यम से कंपनियों को सड़क सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए। इसमें समाज की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है जितनी प्रशासन की।
-निर्मल कुमार
डिजिटल इंटरवेंशन जैसे क्यूआर कोड, जीपीएस ट्रैकिंग और सीसीटीवी नेटवर्क का इस्तेमाल ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं में कमी ला सकता है।
-सत्यनारायण महतो
बच्चों को ट्रैफिक नियमों की शिक्षा स्कूल से ही दी जानी चाहिए। इसके लिए पुलिस को समय-समय पर स्कूलों में जागरुकता अभियान चलाना चाहिए।
-टार्जन कुमार
सड़क पर खड़े अतिक्रमण, दुकानों का अंधाधुंध निर्माण और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। प्रशासन को सख्ती करनी होगी।
-जॉय महतो
जागरूकता अभियान तो चलाए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। तेज रफ्तार और मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग सबसे बड़ा खतरा है।
-गणेश
प्रशासन ब्लैक स्पॉट को चिह्नित करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं करता है। इसके लिए प्रशासन को कुछ करने की जरूरत है।
-नुनु कर्मकार
शहर के ब्लैक स्पॉट पर एंबुलेंस की सुविधा होनी चाहिए, ताकि घटना होने के बाद घायलों को अस्पताल ले जाया जा सके।
-मोहित
कदमा शास्त्रीनगर में सड़क को चौड़ा कर दिया गया है। आए दिन वहां दुर्घटना हो रही है। मौके पर स्पीड ब्रेकर बनाने की आवश्यकता है।
-भागीरथ
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