जमशेदपुर में एक साल में दायर हुए 500 से अधिक तलाक के मामले
शहर में पिछले एक साल में 500 से अधिक तलाक के मामले सामने आए हैं, जो मुख्यतः नौकरीपेशा लोगों के बीच विवाद के कारण हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार और परिवार न्यायालय प्रयास कर रहे हैं कि ऐसे मामलों में...
शहर में एक साल में 500 से अधिक तलाक के मामले सामने आए हैं। इनमें अधिकांश मामले ऐसे हैं, जो नौकरीपेशा लोगों के बीच होने वाले विवाद के बाद ही सामने आए हैं। इनमें पत्नी का नौकरी करना और उसके बाद पति का नौकरी छोड़ बच्चों की देखभाल करने जैसे मामले हैं। वर्तमान में तलाक के मामलों में घर को बचाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकार और परिवार न्यायालय अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। 1000 के लगभग होती है अर्जी दाखिल
जिला अदालत में आम तौर पर तलाक के लिए लगभग 1000 अर्जी दखिल होती है, जिसमें आधे से अधिक मामलों में परिवार न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकार रिश्तों को टूटने से बचाता है। उनका प्रयास होता है कि इस तरह के मामलों के आने के बाद तत्काल दोनों पक्षों को बुलाकर उनके बीच समझौता कराया जाए और घर बसा दिया जाए।
नए कारण बन रहे हैं तलाक में
तलाक के मामलों में कई नए कारण भी सामने आ रहे हैं। पहले जहां अर्जियों में तलाक का कारण विवाद, विक्षिप्त होना, नपुंसकता आदि होते थे, वहीं, अब पति-पत्नी के कामकाजी होने और इसमें पति का यह दबाव बनाने के मामले आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अब जो मामले सामने आ रहे हैं, उसमें सोशल मीडिया भी एक प्रमुख वजह बन रहा है। इसमें रील्स बनाने के कारण उत्पन्न विवाद भी हैं।
तलाक के मामलों की काउंसिलिंग की जाती है और दोनों ही पक्ष को विभिन्न माध्यमों से समझाया जाता है। हमारी कोशिश रहती है कि किसी का परिवार न टूटे और अधिकांश मामलों में हम सफल भी हो जाते हैं।
- राजेन्द्र प्रसाद, सचिव, डालसा
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