डॉक्टरों के बॉन्ड की घट सकती है राशि, स्कॉलरशिप बढ़ने की उम्मीद कम
राज्य के रेजिडेंट डॉक्टरों को स्कॉलरशिप बढ़ाने की उम्मीद कम है। वे बॉंड पीरियड को घटाने की भी मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बावजूद, कोई निर्णय नहीं हुआ है। कैबिनेट की बैठक में बॉंड...
सूबे के रेजिडेंट डॉक्टरों को वर्तमान कार्यकाल में बढ़ी स्कॉलरशिप मिलने की उम्मीद कम है। वहीं, उनके तीन साल के बॉन्ड पीरियड पर आचार संहिता के पहले निर्णय होने की उम्मीद है। एमजीएम सहित राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज के इंटर्न, पीजी के जूनियर रेजिडेंट तथा सीनियर रेजिडेंट और विदेश से पढ़कर आने वाले एफएमजी छात्र लंबे समय से स्कॉलरशिप बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही पीजी के बाद तीन साल के बॉन्ड पीरियड और राशि को घटाने की मांग कर रहे हैं। वे लोग इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री से भी मिल चुके हैं। इस संबंध में उन्हें आश्वासन भी मिला है। लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ। उनकी फाइल पर कैबिनेट में मुहर लगनी है। मेडिकल छात्रों के संगठन के एक नेता ने बताया कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक होने वाली थी, लेकिन नहीं हो सकी। स्कॉलरशिप बढ़ाने की फाइल अबतक कैबिनेट की सूची में नहीं है। वहीं बॉन्ड पीरियड को घटाने की भी फाइल वहां नहीं है। आठ अक्तूबर को कैबिनेट की बैठक होने की संभावना है। इसमें बॉन्ड राशि घटाने पर मुहर लगने की उम्मीद है। इसका लाभ सूबे के सभी डॉक्टरों को होगा।
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