रेलवे के पेंशनधारियों को नहीं लगाना होगा कार्यालय का चक्कर
रेलवे ने पेंशनधारकों के लिए बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सेवा शुरू की है। अब पेंशनधारकों को बैंक या डाकघर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगें। आईपीपीबी के सहयोग से यह सेवा उपलब्ध कराई गई है,...
रेलवे के हजारों पेंशनधारक को जीवन प्रमाण पत्र के लिए बैंक या डाकघर के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पेंशनधारियों की सुविधा में रेलवे ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की मदद से बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) सेवा शुरू की है। दक्षिण पूर्व रेलवे जोन खड़गपुर और शालीमार में शिविर लगाकर पेंशनधारियों को इसके प्रति जागरूक कर रहा है। कियोस्क लगाने के साथ रेल क्षेत्र में हेल्पडेस्क की व्यवस्था की गई है, ताकि पेंशनधारियों को आईपीपीबी की सुविधा व संचालन पद्वति से अवगत कराया जा सके। बताया जाता है कि आईपीपीबी को रेलवे के लेखा, कार्मिक और वाणज्यिकि विभाग से जोड़ा गया है, जो फिंगरप्रिंट एवं चेहरे की पहचान से संचालित होती है। रेलवे के अनुसार, डीएलसी की स्थिति को जीवन प्रमाण पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है। सेवा का लाभ पोस्ट-इंफो एप और क्यूआर कोड को स्कैन कर भी उठाया जा सकता है। मालूम हो कि पेंशनधारक को नवंबर में व्यक्तिगत रूप से बैंक जाना पड़ता था। रेलवे का मानना है कि ऑनलाइन सबमिशन के विकल्प से पेंशनधारियों के समय की बचत के साथ परेशानी से छूटकारा मिलेगा, क्योंकि डिजिटल माध्यम से पेंशनधारक घर से ही प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
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