एमजीएम डिमना में आधे-अधूरे इलाज से मरीजों की संख्या हो गई आधी
एमजीएम हॉस्पिटल डिमना में ईएनटी और नेत्र रोग विभाग में मरीजों की संख्या लगभग आधी हो गई है। साकची से डिमना स्थानांतरित होने के बाद मरीजों को रजिस्ट्रेशन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग...

एमजीएम हॉस्पिटल डिमना में ईएनटी और नेत्र रोग विभाग में पहले की तरह मरीज नहीं पहुंच पा रहे हैं और यहां पहुंचने वाले मरीजों की संख्या लगभग आधी हो गई है। ऐसे में मरीज सरकार की ओर से दी गई मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। एमजीएम अस्पताल साकची में ईएनटी विभाग की ओपीडी में 120 से डेढ़ सौ मरीज तक पहुंचते थे। लेकिन इन दोनों विभागों की ओपीडी जब से डिमना स्थित एमजीएम अस्पताल के नए भवन में शिफ्ट हुई है, तब से मरीजों की संख्या घटकर लगभग आधी रह गई है। एक तो एमजीएम अस्पताल साकची में जानकारी नहीं होने के कारण मरीज रजिस्ट्रेशन काउंटर की कतार में खड़े हो जाते हैं और जब वे काउंटर पर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि ईएनटी और नेत्र विभाग का रजिस्ट्रेशन वहां नहीं होगा, उन्हें डिमना जाना होगा। इस पर मरीज भड़क जाते हैं। कुछ दिनों तक तो हंगामा भी हुआ। कई मरीज परेशान या नाराज होकर घर लौट जाते हैं और डिमना स्थित अस्पताल में इलाज के लिए नहीं जाते। कुछ बुजुर्ग मरीज डिमना स्थित अस्पताल चले भी जाते हैं तो वहां पता चलता है कि उन्हें दिखाने के लिए दूसरी मंजिल पर सीढ़ी से चढ़कर जाना होगा। ऐसे में नीचे से ही लौट जाते हैं। कई मरीज दूसरी मंजिल पर पहुंचकर डॉक्टर से दिखाते भी हैं, लेकिन उसमें से 30 से 40 फीसदी मरीज को जांच या एक्स-रे के लिए साकची भेजा जाता है, जहां उन्हें एक्स-रे कराकर फिर जांच रिपोर्ट लेकर वापस डिमना ओपीडी में आना पड़ता है। ऐसे में कुछ ही मरीज इतनी भागदौड़ कर पाते हैं अन्यथा अधिकतर मरीज इतनी परेशानी को करने से बेहतर घर चले जाते हैं। ईएनटी विभाग में माइनर ऑपरेशन के लिए भी उन्हें साकची स्थित अस्पताल में भेजा जाता है और लेकिन कई मरीज वहां नहीं जाते हैं।
सामान्य तौर पर ईएनटी विभाग में पहले 120 से डेढ़ सौ मरीज तक रोज ना आते थे, लेकिन यह संख्या अभी काफी कम हो गई है। शुक्रवार को ही ईएनटी विभाग में मात्र 46 मरीज ओपीडी में आए थे और नेत्र रोग विभाग में मात्र 36 मरीज ही पहुंचे थे, जबकि पहले यह संख्या 60-70 से अधिक होती थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।