एमजीएम में इलाज नहीं मिलने पर हंगामा
एमजीएम अस्पताल में गर्भ में बच्चे की मौत के बाद धतकीडीह की प्रेरणा मुखी का इलाज दो दिन तक नहीं हुआ। परिजनों ने अधीक्षक कार्यालय के पास हंगामा किया। बेटी की हालत बिगड़ने पर अंततः बेड दिया गया और इलाज...
एमजीएम अस्पताल में गर्भ में बच्चे की मौत हो जाने के बाद भर्ती हुई धतकीडीह की प्रेरणा मुखी का दो दिन बाद भी इलाज शुरू नहीं हो सका। इससे आक्रोशित होकर सोमवार को परिजनों ने अधीक्षक कार्यालय के पास हंगामा किया। प्रेरणा की मां कुंती मुखी ने बताया कि शनिवार दोपहर दो बजे वह बेटी के साथ गायनी विभाग पहुंची। पहले तो प्रेरणा को भर्ती नहीं किया जा रहा था। काफी मिन्नत के बाद भर्ती कराया गया, लेकिन बेड नहीं मिला। बरामदे में ही बेटी को लेकर रह रही थी। दो दिन तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आए। प्रेरणा की परेशानी बढ़ रही थी। इन्फेक्शन के कारण मुंह पर दाना निकलने लगा था। शिकायत करने अधीक्षक कार्यालय पहुंची तो वे वहां नहीं मिले। इससे आक्रोशित होकर वहां हंगामा किया। इस दौरान वहां उपस्थित मेडिकल ऑफिसर डॉ. नारायण उरांव ने गायनी विभाग में फोन किया और अधीक्षक को जानकारी दी। इसके बाद अधीक्षक ने भी विभाग को निर्देशित किया। बता दें कि 12 दिन पहले ही कुंती के गर्भ में बच्चे की मौत हो चुकी थी। इधर, अधीक्षक से मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
गायनी विभाग में नर्सों ने किया दुर्व्यवहार
कुंती मुखी ने बताया कि जब वे लोग गायनी विभाग गए तो वहां जूनियर डॉक्टरों और नर्स ने अधीक्षक से शिकायत करने को लेकर भला-बुरा कहा। इसके बाद बेड दिया गया और लेबर रूम में इलाज शुरू किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता विमल बैठा ने कहा कि यदि वे मरीज को लेकर अधीक्षक कार्यालय नहीं जाते और हंगामा नहीं करते तो हादसा हो सकता था।
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