पाकुड़ के मजदूर चेन्नई से भागकर पहुंचे जमशेदपुर
पाकुड़ के 40 मजदूर शोषण और ठगी के शिकार हो गये हैं। उनमें से पांच मजदूर कान्हू सोरेन, रावण हांसदा, राजेश मुर्मू, शिवधन मुर्मू और विभीषण टुडू शनिवार को भूखे प्यासे जमशेदपुर पहुंचे। उन्हें भाजपा नेताओं...
पाकुड़ के 40 मजदूर शोषण और ठगी के शिकार हो गये हैं। उनमें से पांच मजदूर कान्हू सोरेन, रावण हांसदा, राजेश मुर्मू, शिवधन मुर्मू और विभीषण टुडू शनिवार को भूखे प्यासे जमशेदपुर पहुंचे। उन्हें भाजपा नेताओं ने खाना खिलाकर और टिकट कटाकर शाम में पाकुड़ की बस से उनके घर रवाना कर दिया। इससे पूर्व उनके जमशेदपुर पहुंचने पर भाजपा नेता रमेश हांसदा, महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव और भरत सिंह ने इन मजदूरों की शोषण और ठगी की कहानी साकची स्थित पार्टी कार्यालय में सुनाई। इस दौरान पांचों मजदूर भी मौजूद थे। इस मौके पर गुंजन यादव ने सवाल उठाया कि प्रवासी मजदूरों को घर में ही काम देने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि उन्हीं के संथाल परगना के मजदूर कैसे लॉक डाउन के बीच काम की तलाश में पाकुड़ से चेन्नई पहुंच गये। लॉक डाउन में तीन माह पूर्व भेजे गये थे मजदूरमजदूरों ने बताया कि उन्हें तीन माह पूर्व चेन्नई में बिस्कुट फैक्ट्री में नौकरी के नाम पर ले जाया गया था। 9,500 रुपये वेतन की बात कही गई थी। परंतु वहां पहुंचने पर उन्हें एक लोहा फैक्ट्री में भारी-भारी लोहा ढोने के काम में लगा दिया गया। और मजदूरी भी 4500 रुपये ही मिली। इसके कारण धीरे-धीरे मजदूर भागने लगे। वे पांचों भी तीन-तीन हजार रुपये किराया देकर चेन्नई से भुवनेश्वर पहुंचे। वहां से किसी तरह रायरंगपुर आए। वहां सारे पैसे खत्म हो गये। चूंकि वे लोग संथाली भाषा भाषी हैं इसलिए वहां के लोगों ने उनकी बात समझकर भाजपा नेता रमेश हांसदा से संपर्क किया। हांसदा ने उन्हें जमशेदपुर भेजने का आग्रह किया। यहां रमेश हांसदा ने उन्हें खाना खिलाया जबकि पाकुड़ भेजने में भरत सिंह ने मदद की।
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