जिले के 700 से अधिक स्कूल बिना आरटीई मान्यता के संचालित
पूर्वी सिंहभूम में 700 से अधिक स्कूल बिना आरटीई मान्यता के संचालित हो रहे हैं। स्कूल संचालक 2019 में किए गए आरटीई संशोधन को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। पासवा ने कहा है कि मान्यता के लिए नए...
पूर्वी सिंहभूम में 700 से अधिक स्कूलों को बिना आरटीई मान्यता के संचालित किया जा रहा है। इन स्कूलों को मान्यता मिलने की संभावना भी नहीं है। इन स्कूलों का आरटीई मान्यता के मापदंडों को पूरा कर पाना लगभग असंभव है। इसलिए अब ये स्कूल संचालक 2019 में आरटीई एक्ट में किए गए संशोधन को तत्काल निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। स्कूल संचालक मांग कर रहे हैं कि यू डाइस प्राप्त विद्यालयों को मान्यता दी जाए। वर्तमान में आरटीई मान्यता के लिए मध्य विद्यालयों के लिए शहरी क्षेत्र में 0.75 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 1.00 एकड़ जमीन होने की बाध्यता है। इतनी जमीन अधिकतर स्कूलों के पास नहीं है। ऐसे में इन्हें मान्यता मिलने मुश्किल है। वहीं, विद्यालय द्वारा जमा की जाने वाली सुरक्षित राशि एक लाख और निरीक्षण शुल्क कक्षा 1 से 5 तक के लिए 12,500 रुपये और कक्षा 1 से 8 तक के लिए 25000 रुपये को भी अनिवार्य किया गया है। इसका भी स्कूल विरोध कर रहे हैं।
मान्यता नहीं लेने का ऐलान
पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने आरटीई मान्यता के लिए जरूरी नए प्रावधानों को समाप्त किए बिना मान्यता नहीं लेने का ऐलान कर दिया है। पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे के मुताबिक, झारखंड के निजी विद्यालय आरटीई 2019 के संशोधन को रद्द किए बिना मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करेंगे। न्यायालय से झारखंड के निजी विद्यालयों को स्टे आर्डर प्राप्त है कि सरकार मान्यता के लिए निजी विद्यालयों के साथ पीड़क कार्रवाई नहीं कर सकती है। पासवा ने कहा कि अगर सरकार बाध्य करेगी, तो हम सड़क पर उतरेंगे।
15 जनवरी तक करना होगा आवेदन
आरटीई मान्यता के लिए निजी स्कूल 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्क्रूटनी जिला स्तर पर 20 जनवरी तक होगी। सफल विद्यालय का 20 फरवरी तक फील्ड वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक आयोजित कर मान्यता प्रदान की जाएगी।
कई नियमों को शिथिल करने की तैयारी
झारखंड सरकार गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में लागू नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2019 के प्रति जल्द कुछ बिंदुओं पर नियमों को शिथिल करने जा रही है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि यू-डायस कोड प्राप्त स्कूल बंद नहीं होंगे। हालांकि, इसे लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने स्कूलों को आश्वस्त किया है कि उचित समस्याओं पर सरकार अवश्य विचार करेगी।
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