दो करोड़ के अपहरण में हारुन रशीद को बड़बिल ले गई पुलिस
ओडिशा में दो करोड़ के अपहरण मामले में आजादनगर के हारुन राशिद से पुलिस पूछताछ कर रही है। उसे पहले छोड़ दिया गया था लेकिन बाद में हिरासत में लिया गया। अपहरण में शामिल एक संदिग्ध से संबंधित जानकारी जुटाई...

ओडिशा में दो करोड़ के लिए किए गए अपहरण में आजादनगर निवासी हारुन राशिद से ओडिशा पुलिस पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ मानगो थाना में की जा रही है। गुरुवार को उसे छोड़ दिया गया था, लेकिन शाम में उसे दोबारा बुलाकर हिरासत में ले लिया गया। उसे ओडिशा पुलिस बड़बिल ले जाने की तैयारी कर रही है। अपहरण में शामिल एक व्यक्ति जो रांची का निवासी है, उसके बारे में ही हारुन से पूछताछ चल रही है। हारुन से पूछा जा रहा कि जनवरी में वह रांची गया था कि नहीं। हारुन के परिवार के लोगों ने बताया कि जिस तिथि पर जाने की बात की जा रही, उस दिन हारुन रांची गया ही नहीं था। वह पूछताछ में पूरा सहयोग कर रहा है। वह जिम का संचालक है, जहां सीसीटीवी लगा हुआ है। उसमें हारुन को देखा जा सकता है। हारुन को बुधवार रात करीब 10 बजे जिम से ही हिरासत में लिया गया था। उसके बाद गुरुवार को उसे यह कहते हुए छोड़ दिया गया कि उसे पूछताछ के लिए लाया गया था। उसके छोड़ने के बाद गुरुवार की रात में उसे फोन कर ओडिशा पुलिस ने बुलाया और तब से लगातार पूछताछ की जा रही है।
12 फरवरी को बड़बिल में ग्रेवाल माइनिंग एंड मेटल्स के उपाध्यक्ष निमानंद प्रधान का अपहरण कर लिया गया था। प्रधान की पत्नी ने बड़बिल थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके पति 12 जनवरी की शाम करीब 7 बजे अपनी कार से ऑफिस से निकले थे। वे अपने ड्राइवर मोहम्मद फिरोज के साथ थे। वे देर शाम तक घर नहीं लौटे और उनका फोन भी बंद हो गया। परिवार के सदस्यों ने तलाश शुरू की, लेकिन प्रधान का पता नहीं चल सका। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उन्होंने कार को बेलकुंडी रोड के माध्यम से झारखंड की ओर जाते देखा। उस दिन, क्योंझर के एसपी नितिन कुसलकर दगडू जांच का जायजा लेने के लिए बड़बिल शहर पहुंचे। बड़बिल पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बेलकुंडी तक सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को स्कैन किया गया तो झारखंड का सुराग मिला। पुलिस की एक टीम झारखंड भी भेजी गई। प्रधान का पता लगाने के लिए टीम झारखंड पुलिस की मदद ले रही है। उन्होंने कहा कि खनन कंपनी के अधिकारी के रहस्यमय ढंग से लापता होने की गुत्थी सुलझाने के लिए सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है।
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