अब सीएमएस की जिम्मेदारी रेलवे को
चक्रधरपुर रेल मंडल में सीएमएस (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम) का संचालन आउटसोर्स के बजाए रेलवे ने स्वयं करने का निर्णय लिया है। अक्तबूर के आखिर तक सभी स्टेशनों पर कार्यरत एजेंसी की अवधि समाप्त होने वाली...
चक्रधरपुर रेल मंडल में सीएमएस (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम) का संचालन आउटसोर्स के बजाए रेलवे ने स्वयं करने का निर्णय लिया है। अक्तबूर के आखिर तक सभी स्टेशनों पर कार्यरत एजेंसी की अवधि समाप्त होने वाली है। जैसे-जैसे एजेंसी की अवधि खत्म होती जा रही है, रेलवे ने स्वयं जिम्मेदारी संभालनी शुरू कर दी है। चक्रधरपुर रेल मंडल के तहत टाटानगर और डांगुवापोसी में एजेंसी का कार्यकाल खत्म हो गया है। यहां सीएमएस के जरिए ड्यूटी आने-जाने का समय कर्मचारियों द्वारा ही दर्ज कराया जा रहा है। चक्रधरपुर रेल मंडल में सीएमएस संचालन करने पर लगभग तीन करोड़ रुपये एजेंसी पर खर्च होते हैं। रेलवे द्वारा सीएमएस के संचालन पर इस पैसे की बचत होने लगेगी। चक्रधरपुर रेल मंडल के टाटानगर, डांगुवापोसी के अलावा आदित्यपुर, चक्रधरपुर, राउरकेला, झारसुगुड़ा सहित अन्य स्टेशनों पर आउटसोर्स द्वारा सीएमएस का संचालन होता है।
डी-श्रेणी के कर्मचारी करेंगे संचालन
सीएमएस का संचालन डी-श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। डी-श्रेणी में उन ट्रेन ड्राइवरों को रखा जाता है, जो बिना सूचना दिए ही आंख का ऑपरेशन करा लेते हैं। बाद में मेडिकल जांच में जानकारी मिलने पर उन्हें डी-श्रेणी की सूची में रखा जाता है, जिस पर विभागीय जांच चलती है। ऐसे ढाई सौ कर्मचारी हैं, जिनसे कार्यालय में ड्यूटी करवाई जाती है।
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