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चाय की खेती को सैटेलाइट तकनीक से जोड़ेगा एनआईटी

एनआईटी जमशेदपुर किसानों को तकनीकी सहायता देने के लिए चाय की खेती में सैटेलाइट तकनीक को शामिल करने के लिए एक शोध परियोजना शुरू कर रहा है। जीएनएसएस तकनीक से किसान फसल की उपज में सुधार और फसलों की बेहतर...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSat, 12 April 2025 05:21 PM
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चाय की खेती को सैटेलाइट तकनीक से जोड़ेगा एनआईटी

एनआईटी जमशेदपुर, उन्नत खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसके लिए संस्थान ने चाय की खेती को सैटेलाइट तकनीक से जोड़ने के लिए एक शोध परियोजना शुरू की है। संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित चाय की खेती पर यह शोध परियोजना शुरू की है। संस्थान ने परियोजना के लिए हाल ही में रिसर्च असिस्टेंट एवं रिसर्च एसोसिएट की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। शोध का नेतृत्व डॉ. सुजीत कुंडू, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, एनआईटी जमशेदपुर कर रहे हैं। हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में जानकारी दी है कि जीएनएसएस आधारित खेती, सटीक कृषि का एक अहम हिस्सा है।

जीएनएसएस तकनीक किसानों को यह सटीक रूप से जानने में मदद करती है कि वे फसल की उपज को कैसे बेहतर बना सकते हैं। यह तकनीक मौसम के अनुसार फसलों को अधिक कुशलतापूर्वक और सटीक रूप से लगाने, खाद देने तथा काटने के लिए जरूरी वैज्ञानिक विश्लेषण और सुझाव प्रदान करती है। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम की मदद से किसान अपने खेतों का सटीक मानचित्रण कर सकते हैं, जिससे मिट्टी की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण कारकों को समझना आसान हो जाता है। किसान इस तकनीक की मदद से अपनी फसलों और मिट्टी की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं। रिमोट सेंसिंग तथा सेंसर डेटा का उपयोग कर खेती की प्रक्रिया को और भी उन्नत बना सकते हैं। यह शोध केंद्र सरकार की हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी द्वारा वित्त पोषित है, जिसका उद्देश्य किसानों की मदद करना और चाय की खेती को और अधिक समृद्ध बनाना है।

माइक्रोसॉफ्ट में शहर के इंजीनियर सैटेलाइट आधारित खेती पर कर रहे काम

खेती का भविष्य ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक पर केंद्रित होने वाला है। मानगो निवासी एवं एलएफएस के पूर्व छात्र रणवीर चंद्रा, जो वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट के चीफ रिसर्चर हैं, इस तकनीक पर कार्यरत हैं। उनके अनुसार, इस तकनीक की मदद से किसान अपने खेत में लगे सेंसरों से घर बैठे सैटेलाइट के माध्यम से लाइव जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सेंसर-आधारित डेटा मशीन स्वयं विश्लेषण करेगा और यह सुझाव देगा कि खेत में कितना पानी देना है, कब खाद डालना है, और कब फसल काटने के लिए उपयुक्त समय होगा। माइक्रोसॉफ्ट इस सैटेलाइट आधारित फार्मिंग पर व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है।

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