एनआईटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में डेटा की सुरक्षा पर मंथन
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के गणित विभाग ने 20 नवंबर को तीसरी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में हुआ और इसका मुख्य उद्देश्य...
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के गणित विभाग ने दो दिवसीय “तीसरी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता सम्मेलन का आयोजन किया। 20 नवंबर से शुरू हुए इस सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा और गोपनीयता अनुसंधान में नवीनतम प्रगति के बारे में जागरूकता फैलाना था। सम्मेलन का आयोजन डॉ. सुमित कुमार देबनाथ, डॉ. सौरव दास के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार, गणित विभाग के प्रमुख डॉ. राज नंदक्योलियार और अन्य गणमान्य गणितविदों जैसे प्रो. तरनी मंडल, प्रो. रामायण सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शक्ति प्रसाद, डॉ. रत्नेश कुमार मिश्रा, डॉ. राजत त्रिपाठी, डॉ. स्नेहासिस कुंडू, डॉ. हरि शंकर प्रसाद, डॉ. शुभा सरकार, डॉ. समीरन चक्रवर्ती, डॉ. वाई. रामु नायडू ने मुख्य रूप से उपस्थित थे।
सम्मेलन के अंतिम दिन प्रमुख व्याख्यान प्रो. सौरव मुखोपाध्याय (आईआईटी खड़गपुर के गणित विभाग) ने दिया। उन्होंने आपके डेटा की सुरक्षा कितनी मजबूत विषय पर व्याख्यान दिया। प्रो. शुभमॉय मैत्रा (भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता) ने 'क्वांटम पैरेडाइम का एक क्रिप्टोग्राफिक दृष्टिकोण' विषय पर अपने विचार साझा किए। डॉ. सैबल कुमार पाल, (वैज्ञानिक डीआरडीओ) ने ' दीर्घकालिक क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा' पर व्याख्यान दिया। सम्मेलन के समापन पर मुख्य अतिथि प्रो. सौरव मुखोपाध्याय ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि इतने सारे शोधकर्ता एक साथ आकर विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं, एक-दूसरे से सीख रहे हैं और साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
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