ढाई साल के बच्चों पर अंग्रेजी थोपना अन्याय : डॉ. कोठारी
एनआईटी जमशेदपुर में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सहयोग से तकनीकी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई। मुख्य अतिथि डॉ. अतुल...

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (एसएसयूएन) के सहयोग से तकनीकी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शनिवार को शुभारंभ हुआ। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. अतुल कोठारी (राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा हमारी संस्कृति, प्रकृति और विकास के अनुकूल होनी चाहिए। शिक्षा के तीन आयाम ज्ञान, चरित्र और कौशल है। बच्चा मां की कोख से ही भाषा सीखना शुरू करता है। इसके बाद परिवार और परिवेश में भाषा सीखता है। ढाई वर्ष के बच्चे पर अंग्रेजी थोपना अन्याय और अत्याचार है। बड़ा होकर वह अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार भाषा सीखेगा। डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की समिति में भी विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि प्रो. राजीव कुमार (सदस्य सचिव, एआईसीटीई ) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एनआईटी जमशेदपुर के उप निदेशक प्रो. राम विनय शर्मा ने की। वहीं, कार्यशाला का नेतृत्व निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधर ने किया। इसका समन्वयन डॉ. सी. मधुसूदन राव, प्रो. एके चौधरी, प्रो. सरोज कुमार सारंगी, डॉ. कनिका प्रसाद और डॉ. राम कृष्ण द्वारा किया गया।
कई विशेषज्ञों में दिए व्याख्यान :
कार्यशाला में कई विशिष्ट वक्ताओं ने भारतीय मूल्यों, नवाचार और कौशल-आधारित पाठ्यक्रम के साथ शैक्षिक परिणामों पर विचार व्यक्त किए। जिन विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया उनमें प्रो. राजीव प्रकाश (निदेशक, आईआईटी भिलाई), प्रो. मुकुल एस सुताओने (निदेशक, आईआईआईटी प्रयागराज), प्रो. श्रीपद कलमालकर (निदेशक, आईआईटी भुवनेश्वर) आदि शामिल रहें। कार्यशाला में राज्य एवं देश से आए शिक्षा से जुड़े लोग भाग ले रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से वायवीएन विश्वविद्यालय के रामजी यादव व बीआईटी सिन्दरी के प्रोफेसर पीके राय शामिल हैं।
आज भी जुटेंगे शिक्षा जगत के दिग्गज
कार्याशाला के दूसरे दिन रविवार को प्रो. राजुल के. गज्जर (कुलपति, जीटीयू अहमदाबाद) और डॉ नवीन भाई शेठ (पूर्व वीसी, जीटीयू अहमदाबाद), प्रो. रमेश चन्द्र भारद्वाज (कुलपति भारतीय ज्ञान परम्परा) शैक्षिक संस्थानों का समाजिक दायित्व विषय पर अपनें विचार व्यक्त करेंगे।
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