वर्ष 2030 तक बंद हो जाएंगे दो वर्षीय बीएड कोर्स
वर्ष 2030 तक सभी दो वर्षीय बीएड कॉलेज बंद कर दिए जाएंगे। एनसीटीई के अनुसार, चार वर्षीय शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण जरूरी होगा। 2025-26 से बीएड कॉलेजों में आईटीईपी लागू होगा। यह नई शिक्षा नीति...
वर्ष 2030 तक ऐसे सभी बीएड कॉलेज बंद हो जाएंगे, जहां सिर्फ दो वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को वर्ष 2030 तक ही चलाया जाएगा। वर्ष 2030 के बाद विद्यालय में वही व्यक्ति शिक्षक बन सकेगा, जिसने चार वर्षीय शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब से बीएड कोर्स वहीं संचालित किए जा सकेंगे, जहां मल्टीडिसिप्लिनरी यानी बहुविषयक कोर्स संचालित किए जाते हों। एनसीटीई में वर्ष 2025-26 से ही बीएड कॉलेजो में आईटीईपी लागू करने का निर्णय लिया है। आईटीईपी यानी चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम के लिए संस्थानों को अभी से इसी अनुरूप ढांचागत और संसाधन का विकास करने को कहा है। इस कोर्स के संचालन के लिए अलग से कॉलेजों को एनसीटीई से मान्यता लेनी होगी।
चार वर्षीय पाठ्यक्रम का पूरा सिलेबस बदल जाएगा। इसके मुताबिक बीए और बीएससी के अलावा बीकॉम के छात्र भी बीएड कर पाएंगे। साथ ही आईटीईपी में सेमेस्टर सिस्टम भी लागू होगा। एनसीटीई ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यह बदलाव किया है। केंद्र सरकार अब नई शिक्षा नीति के तहत नए शिक्षक तैयार करेगी। एनसीटीई की ओर से जारी आम सूचना के अनुसार वर्तमान में चल रहे बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम का शैक्षणिक सत्र 2024-25 अंतिम वर्ष है। वर्ष 2025-26 से इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं होगा। हालांकि अभी तत्काल दो वर्षीय कोर्स को बंद नहीं किया जाएगा। इसके लिए पांच साल का अवसर दिया गया है। 2030 के बाद इन्हें बंद किया जाएगा। गौरतलब अब भी कोल्हान में कई ऐसे कॉलेज संचालित किए जाते हैं, जहां सिर्फ दो वर्षीय बीएड की कक्षाएं चलती है। ऐसे में इन कॉलेजों को अपने संसाधन या तो बढ़ाने होंगे या फिर कॉलेज बंद करना होगा।
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