Hindi NewsJharkhand NewsJamshedpur NewsMGMC to Complete Cath Lab Construction by March for Enhanced Heart Care

एमजीएम डिमना की कैथ लैब मार्च तक होगी तैयार

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पास कैथ लैब का निर्माण मार्च तक पूरा होगा। यह हृदय रोग के इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी विभाग के तहत बनाया जा रहा है। इस केंद्र के खुलने से कोल्हान क्षेत्र के मरीजों को बेहतर...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरWed, 11 Dec 2024 06:16 PM
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एमजीएम मेडिकल कॉलेज डिमना के पास बन रही कैथ लैब का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल, फिनिशिंग का काम चल रहा है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पास हृदय रोग के बेहतर और अत्याधुनिक तरीके से इलाज को लेकर सुपर स्पेशियलिटी विभाग के रूप में कैथ लैब बनाई जा रही है। इसका निर्माण 2004 में ही शुरू कर दिया गया था, जिसे 9 करोड़ 95 लाख रुपये में बनाया जाना था। हाईवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को काम दिया गया था। भवन का मूलभूत ढांचा तो बना दिया, लेकिन फिनिशिंग सहित कई काम बाद में बंद हो गए। अब इसे बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अजय कुमार सिंह ने निर्देश दिया है। उन्होंने पिछले दिनों इसका निरीक्षण भी किया था। उनके निर्देश पर यह काम फिर से शुरू कर दिया गया है। मार्च तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। भवन में तेजी से काम हो रहा है। भवन में कैथ लैब के लिए बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर तैयार कर देना था। वहीं, दूसरे फ्लोर को भविष्य की संभवना को देखते हुए सिर्फ ढलाई और छत की ढलाई कर देने की योजना बनी थी। उसी के अनुसार भवन निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद फिनिशिंग का काम किया जा रहा है।

डॉक्टरों की नहीं हुई नियुक्ति

12 दिसंबर को प्रधान सचिव भवन की अद्यतन स्थिति का निरीक्षण करेंगे। इसमें डॉक्टरों सहित अन्य कर्मचारियों और इसमें लगने वाले आवश्यक सामान की जानकारी लेंगे। हालांकि, यहां हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। इसलिए इसके लिए रांची में ही योजना बन रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसमें काम करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

कोल्हान के मरीजों के लिए पहला केन्द्र

अगर यह केंद्र बनकर तैयार हो जाता है तो कोल्हान का पहला हृदय रोग के इलाज का केंद्र होगा। अभी मरीजों को एमजीएम लाया जाता है और प्राथमिक इलाज कर रांची स्थित रिम्स या बेहतर स्थान पर भेज दिया जाता है। कुछ लोग तो टीएमएच या कोलकाता ले जाते हैं, जहां काफी खर्च हो जाता है। जो थोड़ा सक्षम होते हैं, वे मरीज को लेकर रिम्स चले जाते हैं। कई लोग एमजीएम में ही भर्ती कराकर जैसे-तैसे इलाज कराते हैं। इसमें कई लोगों की जान भी चली जाती है। कैथ लैब के खुल जाने के बाद मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां मुफ्त में इलाज हो सकेगा।

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