लापरवाही : मेडिसिन वार्ड के जर्जर भवन में अब भी 130 मरीजों का इलाज
एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन वार्ड की छत गिरने के बाद भी वार्ड को खाली नहीं किया गया है। हादसे के बाद मरीज और कर्मचारी डरे हुए हैं। मंत्री और डीसी के आदेशों का कोई असर नहीं हो रहा है। 130 मरीज अभी भी उस...

एमजीएम अस्पताल के जिस मेडिसिन वार्ड की छत गिरने से शनिवार को तीन मरीजों की मौत हो गई, उसे अबतक पूरी तरह खाली नहीं कियाा गया है। इस भवन में अब भी मेडिसिन विभाग चल रहा है और मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में मरीज एवं कर्मचारी डरे हुए हैं। घटना के तीन दिन हो गए, मंत्री से लेकर डीसी तक के आदेश का एमजीएम के अधीक्षक और उपाधीक्षक पर कोई असर नहीं हो रहा है। मरीजों की जान खतरे में है और प्रबंधन आंख मूंदकर बैठा है। हादसे के बाद इस बिल्डिंग में गायनी विभाग के सभी मरीजों को वहां से हटाकर पीजी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया।
मंगलवार को शिशु वार्ड के सभी मरीजों को भी वहां से हटाकर पीजी बिल्डिंग में शिफ्ट कियाा गया। जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल पर मेडिसिन विभाग अब भी चल रहा है। उसके सभी मरीज इस बिल्डिंग में भर्ती हैं। 130 मरीजों की जान खतरे में मेडिसिन विभाग के दो मंजिल में कल करीब 130 महिला पुरुष मरीज भर्ती हैं एवं करीब इतने ही परिजन भी साथ में हैं। उनके साथ डॉक्टर, नर्स एवं कर्मचारी भी वहां काम कर रहे हैं। लेकिन जब से भवन धंसा, है सभी डरे हुए हैं। गायनी विभाग और शिशु वार्ड के मरीज जब से भवन को छोड़ चुके हैं तब से इन मरीजों में और भी अधिक डर है। वहां भर्ती एक मरीज की परिजन रूपम का कहना है कि मेडिसिन के मरीजों को तुरंत ही दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहिए, क्योंकि इस भवन के गिरने से सबसे अधिक संख्या में मरीज को नुकसान हो सकता है। परिजन बोले-मरीजों को जल्द किया जाए शिफ्ट भर्ती मरीज के परिजन शकुनी देवी ने कहा कि उनलोगों को काफी डर लग रहा है। उस दिन का हादसा देखकर अस्पताल प्रशासन को उन्हें जल्द ही नए भवन में शिफ्ट कर देना चाहिए। एक मरीज के परिजन रोशन ने बताया कि मेडिसिन के मरीज को न तो ऑपरेशन की जरूरत है और न झंझट। सबसे आसान मेडिसिन के मरीजों को ही शिफ्ट करना है। इसलिए इन्हें जल्दी शिफ्ट कर देना चाहिए। कोई भी हादसा हो जाने पर सबसे अधिक संख्या में मेडिसिन के मरीजों को नुकसान हो सकता है जब यह भवन खतरनाक है तो इसे जल्दी खाली क्यों नहीं कराया जा रहा है। विभाग के अध्यक्ष डॉ. बलराम झा ने बताया कि जबतक उनलोगों को वहां इलाज करने को कहा जाएगा, वे लोग इलाज करते रहेंगे। जब वहां से जाने को कहा जाएगा, वे जाएंगे। अभी हमलोग गायनी विभाग और उसके ऑपरेशन थिएटर को डिमना में शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं उसके बाद बारी-बारी से अन्य विभागों को भी शिफ्ट किया जाएगा। डा. नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
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