सीपीआर से बचाई जा सकती है जान, हर व्यक्ति को सीखना चाहिए : डॉ. वर्गीज
एमजीएम अस्पताल में क्रिटिकल केयर पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टरों ने सीपीआर तकनीक के महत्व पर चर्चा की, जो आकस्मिक स्थितियों में जान बचाने में सहायक है। कोल्हान विश्वविद्यालय...
एमजीएम अस्पताल में क्रिएटिव अवेयरनेस एबाउट क्रिटिकल केयर विषय पर शनिवार को सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों के अलावा कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अजय कुमार चौधरी उपस्थित भी शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन एमजीएम अस्पताल की अधीक्षक डॉ. शिखा रानी, उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी, डॉ. जुझार मांझी ने दीप जलाकर किया। सेमिनार में एमटीएमएच के निदेशक डॉ. कोसी वर्गीज ने कहा कि हर सामान्य व्यक्ति को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रीसस साइटेशन) तकनीक सीखना चाहिए और यह बहुत काम आता है। इससे आकस्मिक अवस्था में बहुत लोगों को बचाया गया है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से टीएमएच में एक सिस्टर ने भी एक सिस्टर की जान बचाई थी। टीएमएच के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. शशिकांत ने सीपीआर के बारे में कहा कि वे लोग नियमित रूप से आमलोगों को इसका प्रशिक्षण देते हैं। इसमें अस्पताल परिसर में हाई लेवल मशीन दी जाती है, लेकिन बाहर में इसी तकनीक को लोगों को सिखाकर इससे जान बचाई जा सकती है। इस दौरान डॉ. आस्था रमण ने भी अपने विचार रखे। ब्रह्मानंद अस्पताल के डॉ. सुनील केडिया ने कहा कि क्रिटिकल केयर अस्पताल में जो मरीज भर्ती होते हैं, उन्हें बहुत ज्यादा इन्फेक्शन होता है, जिसे सेप्सिस कहते हैं। इस इन्फेक्शन से मरीजों को बचाने के लिए अस्पताल में आने वाले डॉक्टर, नर्स, एवं परिजन आदि को हाथ धुलने से लेकर अन्य चीजों का ध्यान रखना चाहिए। गेस्ट ऑफ ऑनर कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज का विकास हो रहा है और पीजी में भी सीटें बढ़ाई जा रही हैं। शोध के स्तर और संख्या में भी वृद्धि हो रही है। कार्यक्रम के आयोजक के रूप में प्रमुख रूप से एमजीएम में एनेस्थिसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. पवन दत्ता थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।