एमजीएम अस्पताल में 60 साल में भी तीमारदारों के लिए नहीं बना वेटिंग रूम
एमजीएम अस्पताल को 63 साल हो गए हैं, लेकिन यहां मरीजों के तीमारदारों के लिए आज तक वेटिंग रूम नहीं बना है। इसके कारण उन्हें मरीजों के बेड पर बैठना पड़ता है। अस्पताल में करीब 700 मरीज भर्ती हैं, और ओपीडी...
साकची स्थित एमजीएम अस्पताल को बने 63 साल हो गए, लेकिन यहां आज तक मरीजों के तीमारदारों के लिए वेटिंग रूम नहीं बन पाया। इससे उन्हें मरीजों के बेड पर ही बैठना पड़ता है। एमजीएम के वार्ड में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त बेड लगाया गया है, ताकि ज्यादा मरीजों का इलाज कराया जा सके। अभी पूरे अस्पताल में करीब 700 मरीज भर्ती रहते हैं। मरीजों के तीमारदारों को भी बैठने के लिए स्टूल तक नहीं है। ऐसे में तीमारदारों को ही नहीं, बल्कि मरीजों को भी परेशानी होती है। कई मरीजों के साथ उनके दो या अधिक परिजन भी रहते हैं। वे सभी मरीज के बेड या नीचे चादर बिछाकर सो जाते हैं। इससे दूसरे मरीजों या नर्स आदि को भी आने-जाने में परेशानी होती है। कई मरीज ऐसे भी होते हैं, जिनके परिजन जगह नहीं होने से घर चले जाते हैं। इससे मरीजों की ठीक से देखभाल नहीं हो पाती। एमजीएम अस्पताल में रोज करीब 12 सौ मरीज आते हैं। लेकिन इन मरीजों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। ओपीडी में मेडिसीन, सर्जरी और ईएनटी के पास गिनी-चुनी कुर्सियां हैं। लेकिन बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को घंटों खड़े ही रहना पड़ता है।
इमरजेंसी तक में बेड पर बैठते हैं तीमारदार
एमजीएम इमरजेंसी में मरीजों की देखभाल जरूरी होती है। उनके साथ उनके घर के एक-दो लोग तो रहते ही हैं। लेकिन इन तीमारदारों के लिए भी कोई जगह नहीं है। अस्पताल प्रशासन की इस अव्यवस्था का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ता है।
अस्पताल के अंदर जगह नहीं है। इसलिए सरकार एवं प्रशासन को उचित कदम उठाना चाहिए। अस्पताल की चहारदीवारी और सड़क के बीच की जगह में रैन बसेरा या वेटिंग हॉल की तरह बनाया जाना चाहिए, ताकि मरीजों के पास दूर से आने वाले तीमारदार ठहर सकें।
डॉ. शिखा रानी, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।