गोलमुरी की बंद पड़ी केबल कंपनी में भीषण आग, करोड़ों का सामान राख
गोलमुरी में रविवार शाम एक बंद केबुल कंपनी में आग लग गई। आग ने तेजी से भीषण रूप धारण कर लिया, जिससे कंपनी की दीवार गिर गई और सड़क पर यातायात बंद हो गया। दमकल की 13 गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं,...
गोलमुरी में वर्षों से बंद पड़ी केबुल कंपनी में रविवार शाम आग लग गई। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। कंपनी परिसर से लगातार धड़ाम-धड़ाम की आवाज होने से चहारदीवारी की आधी दीवार भी गिर गई। इससे उस सड़क से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। कंपनी में आग की सूचना पर लोगों की भीड़ जुट गई। आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दमकल की 13 गाड़ियां 8 घंटे तक आग बुझाने में लगी रहीं, फिर भी रात 12 बजे तक आग बुझाई नहीं जा सकी। गोलमुरी, मानगो, आदित्यपुर व अन्य कंपनियों से दमकल गाड़ियां पहुंची थीं। बंद कंपनी में आग लगने की सूचना पर डीएसपी समेत अन्य वरीय पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। पुलिस और फायर बिग्रेड को इस आग में करोड़ों की संपत्ति जलने की आशंका है। सूचना के अनुसार, कंपनी में आग शाम साढ़े चार बजे बाद लगी थी। पहले लोगों ने खुद ही आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन लपटें बढ़ने के कारण गोलमुरी फायर बिग्रेड को करीब साढ़े पांच घटना की जानकारी दी गई। इसके बाद से दमकल के मौके पर जाने और पानी खत्म होने पर लौटने का क्रम जारी है।
केमिकल और रबर में आग से परेशानी
आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड के जवानों ने पीछे से केबुल कंपनी में अन्य लोगों के साथ प्रवेश किया था, जहां चारों ओर ड्रम में केमिकल और बोरे में रबर के छोटे-छोटे टुकड़े हैं। हालांकि फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने कई बोरों को हटाने का प्रयास भी किया, लेकिन वजन ज्यादा होने से सफलता नहीं मिली। इससे देर रात फायर बिग्रेड ने आग बुझाना बंद कर दिया। अब सोमवार सुबह आग बुझाई जाएगी।
लोगों में दहशत
कंपनी में आग नहीं बुझने से आसपास के निवासी दहशत में हैं कि आग की लपटें उनके घर तक न पहुंच जाए। आग के कारण कंपनी की दीवार गिरने से भी लोगों में डर है। आग के कारण केबल टाउन में अंधेरा फैला है। स्थानीय लोगों ने शरारती तत्वों द्वारा कंपनी के स्क्रैप में आग लगाने की आशंका जताई। लेकिन पुलिस एवं फायर बिग्रेड आग बुझने पर ही आग लगने का कारण स्पष्ट होने का दावा किया है।
1995 से बंद है कंपनी
कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने पुलिस और फायर बिग्रेड पदाधिकारियों को बताया कि केबुल कंपनी 1995 से बंद होने लगी थी। 2000 में बिल्कुल ताला लग गया। इससे सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए। वे कंपनी के क्वार्टर में रहकर किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं। मालूम हो कि बंद कंपनी में तीन-चार वर्ष पूर्व भी आग लगी थी। इससे कंपनी से कई सामान निकालने और स्क्रैप चोरी की घटना को छिपाने के लिए आग लगाने की भी चर्चा गर्म है।
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