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गुरबत में जिंदगी गुजारकर बच्चों को बनाया लायक

बरकत नौकरी में नहीं, नीयत में होती है। तभी तो हर माह लाखों-हजारों कमाने वाले लोगों के बच्चे भी राह भटक जाते हैं। पर, पटमदा के बिड़रा गांव निवासी सृष्टिधर रजक ने मास्टरी की नौकरी कर अपने तीन बच्चों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरWed, 24 June 2020 01:13 AM
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बरकत नौकरी में नहीं, नीयत में होती है। तभी तो हर माह लाखों-हजारों कमाने वाले लोगों के बच्चे भी राह भटक जाते हैं। पर, पटमदा के बिड़रा गांव निवासी सृष्टिधर रजक ने मास्टरी की नौकरी कर अपने तीन बच्चों को इस लायक बना दिया कि आज यह परिवार इस क्षेत्र में सबके लिए आदर्श है।

मास्टरजी के नाम से मशहूर सृष्टिधर रजक सादगी के मिसाल हैं। पूरी उम्र साइकिल से चलते रहे। स्कूल जाना हो या बाजार। रिश्तेदारी में जाना हो या कहीं भी। जिंदगी भर दिखावे से दूर रहे। झोपड़ीनुमा घर को ही आशियाना मान चार संतानों के साथ इसी में गुजर-बसर करते रहे। इसी सादगी और त्याग का परिणाम रहा कि उनके तीन बेटे आज इंजीनियर हैं।

50 किमी साइकिल चलाकर जाते थे : सृष्टिधर जब पोटका प्रखंड के बीरग्राम प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाते थे तो सप्ताह में एक दिन के लिए घर आते थे। 50 किमी की दूरी साइकिल से ही तय करना होता था। उसके बाद जमशेदपुर प्रखंड के लुआबासा मध्य विद्यालय में योगदान दिया। वर्ष 2011 में बिड़रा प्राथमिक विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए। अपने तीन पुत्रों व एक पुत्री को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाया। बड़े बेटे प्रदीप कुमार रजक ने आदिवासी हाईस्कूल बांगुड़दा से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद पटमदा कॉलेज जाल्ला से इंटर की पढ़ाई पूरी की। मेधावी प्रदीप ने बीआईटी सिंदरी में बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) से पढ़ाई की। दूसरा बेटा विनय कुमार रजक ने बीआईटी सिंदरी से बीटेक (प्रोडक्शन इंजीनियरिंग) के बाद आईआईटी दिल्ली से एमटेक (इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग) की। वे अभी मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। तीसरा बेटा विवेकानंद रजक ने एनआईटी जमशेदपुर से बीटेक (मेकेनिकल इंजीनियरिंग) की पढ़ाई पूरी करने के बाद सात वर्षों से जेसीपीसीएल में सीनियर मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं। बेटी गीता रजक एएनएम हैं और उनकी शादी हो चुकी है। झोपड़ी का आशियाना आज पक्के व चमचमाते मकान में बदल चुका है, बच्चों ने पिता के लिए कार भी खरीद दी है। पर, मास्टरजी की सादगी अब भी कायम है। इस क्षेत्र के लोग इस परिवार को आदर्श परिवार का दर्जा देते हैं और बच्चों के सामने मिसाल देते हैं।

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