कृष्ण का नाम जपने मात्र से होते हैं दुख दूर : शास्त्री
भक्त और भगवान का संबंध ही भगवत है। कृष्ण का नाम जपने से, उनके चरणों का स्मरण करने मात्र से दुख चले जाएंगे। सच्चे मन से याद करने पर भगवान ने द्रौपदी की रक्षा की थी। ये बातें बरसाने (वृंदावन) से पहुंचे...
भक्त और भगवान का संबंध ही भगवत है। कृष्ण का नाम जपने से, उनके चरणों का स्मरण करने मात्र से दुख चले जाएंगे। सच्चे मन से याद करने पर भगवान ने द्रौपदी की रक्षा की थी। ये बातें बरसाने (वृंदावन) से पहुंचे भागवत कथावाचक महेश चंद्र शास्त्री ने कहीं। वे शुक्रवार को बागबेड़ा के सिद्धू कान्हू मैदान में आयोजित भागवत कथा ज्ञान सप्ताह को संबोधित कर रहे थे। भागवत कथा के दूसरे दिन शास्त्री जी ने कहा, मनुष्य जीवन में कामना ही दुखों का कारण है। ब्राह्मण की हत्या, विश्वासघात, मदिरापान आदि महापाप हैं। नाम की बड़ी महिमा है। मगर आजकल लोग अपने बच्चों के नाम टिंकू, पिंकू, गोलू भोलू रखते हैं जो सही नहीं है। नाम सार्थक होना चाहिए। कुसंग विष की तरह घातक है, जैसे पूरे जीवन में घी व दही खाकर बना शरीर भी मामूली विष से नष्ट हो जाता है। कलयुग में भागवत कथा भव रूपी रोगों से मुक्ति दिलाती है। इसलिए जितनी कथा सुनेंगे, उतना प्रेम बढ़ेगा।शास्त्री जी ने कहा कि भगवान की भक्ति हेतु एवं अहेतु की होती है। निष्काम भक्ति से भगवान प्रसन्न होते हैं। कलयुग शुरू हो चुका है। हर घर में गीता रामायण जैसे ग्रन्थ होने चाहिए। तुलसीदास जी कहते हैं कि अनेक जन्म के पाप राम जी का नाम जपने से मिट जाते हैं। भगवान की प्रेरणा से ही वेदव्यास भगवान ने श्रीमद भागवत की रचना की। कथा की पूर्णाहुति 29 नवंबर को होगी।
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