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बिना सेवा विस्तार के शिक्षकों को कर दिया भुगतान, अब देना होगा जवाब

कोल्हान विश्वविद्यालय ने संविदा शिक्षकों के मानदेय भुगतान में विवाद खड़ा कर दिया है। पिछले आठ महीने से सेवा विस्तार रोका गया है, लेकिन फिर भी तीन महीने का भुगतान कर दिया गया है। राजभवन ने शिक्षकों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरThu, 20 Feb 2025 06:16 PM
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बिना सेवा विस्तार के शिक्षकों को कर दिया भुगतान, अब देना होगा जवाब

कोल्हान विश्वविद्यालय एक के बाद एक विवाद में फंसता जा रहा है। ताजा मामला संविदा आधारित बीएड एवं वोकेशनल के शिक्षकों के मानदेय भुगतान का है। विश्वविद्यालय ने इन शिक्षकों का सेवा विस्तार पिछले आठ माह से रोक कर रखा है, लेकिन इस बीच बिना सेवा विस्तार के तीन माह के मानदेय का भुगतान सभी बीएड व वोकेशनल शिक्षकों को कर दिया है। अब इस मामले में विश्वविद्यालय को राजभवन को जवाब देना होगा कि जब शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया ही नहीं गया और वे औपचारिक तौर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक ही नहीं हैं तो उन्हें मानदेय कैसे दे दिया गया। दरअसल, राजभवन ने कोल्हान विश्वविद्यालय समेत सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया था कि संविदा पर रखे गए सभी शिक्षकों की योग्यता की जांच की जाए और यूजीसी की ओर से शिक्षकों के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता पूरी करने वालों को ही सेवा विस्तार दिया जाए। राजभवन के इस निर्देश पर विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी गठित कर शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कराई। जांच में 17 प्रतिशत शिक्षकों की योग्यता न्यूनतम योग्यता के अनुरूप नहीं पाई गई। यूजीसी के मुताबिक बीएड जैसे कोर्स के लिए नियुक्त शिक्षकों को कम से कम पीएचडी होना अनिवार्य है और अगर पीएचडी नहीं हैं तो नेट क्वालिफाई होना अनिवार्य है। 17 प्रतिशत शिक्षकों के पास न तो पीएचडी है और न ही वे नेट क्वालिफाई हैं। इस कारण ऐसा शिक्षकों की पहचान कर उनका सेवा विस्तार रोक दिया जाना था, लेकिन विश्वविद्यालय अबतक इसे लेकर स्पष्ट आदेश जारी नहीं कर पाया। संविदा शिक्षकों के विरोध-प्रदर्शन करने पर उन्हें बिना संविदा विस्तार के ही तीन माह के मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। तकनीकी तौर पर अब अगर किसी शिक्षक को उसके संविदा के अंतिम तिथि से योग्यता पूरी नहीं करने के कारण टर्मिनेट कर दिया जाता है तो उसे भुगतान किए गए तीन महीने के मानदेय की वसूली कैसे की जाएगी। इसे लेकर अब विश्वविद्यालय को राजभवन को पत्र लिखकर जवाब देना है। कोल्हान विवि के कुलसचिव डॉ. पी. सियाल के मुताबिक, संविदा शिक्षकों के मामले में विश्वविद्यालय वैधानिक मानकों के अनुरूप ड्राफ्ट तैयार कर राजभवन को अवगत कराने की तैयारी में है।

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